आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के मुखिया चंद्रबाबू नायडू को पिछले साल गिरफ्तार कर लिया गया था। चुनाव से कुछ महीने पहले ही वह जेल से बाहर और उनकी अगुवाई में टीडीपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया। चंद्रबाबू नायडू को भ्रष्टाचार के मामले में सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। उस वक्त इस केस की जांच करने वाले अधिकारी का नाम एन संजय है। इन्हीं एन संजय की अगुवाई में चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार भी किया गया था। अब एन संजय को भ्रष्टाचार के ही एक आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है।
एन संजय वरिष्ठ IPS अधिकारी हैं और वह आंध्र प्रदेश सीआईडी के एडीजीपी रहे हैं। विजिलेंस एंड एन्फोर्समेंट (V&E) ने उनके खिलाफ जांच की है और इस जांच में पाया गया है कि जब संजयय आंध्र प्रदेश डिजास्टर रेस्पॉन्स एंड फायर सर्विसेज के डायरेक्टर जनरल थे तब उन्होंने 1 करोड़ रुपयों का गलत इस्तेमाल किया। बता दें कि 1996 बैच के IPS अधिकारी एन संजय ने CID चीफ रहते हुए कुछ ऐसे हाई प्रोफाइल केस की जांच की जिसमें चंद्रबाबू नायडू को आरोपी बनाया गया। यह केस आंध्र प्रदेश स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से जुड़े कथित भ्रष्टाचार का था।
पिछले साल 23 सितंबर को जब चंद्रबाबू नाडू पूरे राज्य में अपनी यात्रा निकाल रहे थे, उसी दौरान सीआईडी के अधिकारियों ने उन्हें नन्दयाल से गिरफ्तार कर लिया था। बता दें कि जून 2024 में टीडीपी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन के सरकार में आते ही एन संजय का ट्रांसफर कर दिया गया था और उन्हें डीजीपी दफ्तर को रिपोर्ट करने को कहा गया था। नई सरकार ने एन संजय के खिलाफ जांच शुरू करवा दी थी। एन संजय के अलावा कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जांच शुरू की गई थी।
एन संजय पर क्या है आरोप?
आरोपों के मुताबिक, डिजास्टर रेस्पॉन्स एंड फायर सर्विसेज का डीजी रहते हुए संजय ने एक वेब पोर्टल बनाने और हार्डवेयर की सप्लाई के लिए एक पोर्टल निकाला। इसके लिए उन्होंने विजयवाड़ा की सौत्रिका टेक्नोलॉजीस और इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड को पैसे दिए। आरोप है कि पैसे तभी दे दिए गए जब इन कंपनियों ने 14 पर्सेंट काम ही पूरा किया था।
आरोप है कि संजय ने कृतव्याप टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड को SC और ST जागरूकता अभियान से जुड़े वर्कशॉप कराने के लिए 59 लाख और 59 लाख के दो पेमेंट किए। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि हैदराबाद में ऐसी कोई कंपनी है ही नहीं। इस कंपनी का जो पता दिया गया है उस पते पर सौत्रिक टेक्नोलॉजीस और इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर मिले।