जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की है लेकिन भारतीय सेना ने उनकी कोशिश नाकाम कर दी। 28 अगस्त को गुरेज सेक्टर में हुए एनकाउंटर में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया। इस घटना के बाद से लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि आतंकी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास दिखाई दिए थे और भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। जैसे ही जवानों ने उन्हें रोका, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सेना ने दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया।
सेना ने 27 अगस्त से ही इस इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से अब तक कई बार सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है। इससे पहले 2 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में कुलगाम जिले के अखल देवसर इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन आतंकवादी मारे गए थे। सेना ने आतंकियों के खिलाफ 1 अगस्त को 'ऑपरेशन अखल' शुरू किया था, जो 12 दिनों तक चला था। इसमें दो जवान भी शहीद हुए थे।
यह भी पढ़ें: बारिश ने तोड़ा 115 साल का रिकॉर्ड, 41 की मौत; कैसे हैं J&K के हालात?
सेना ने क्या बताया?
भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने ऑपरेशन की जानकारी देते हुए एक्स पोस्ट के जरिए बताया, 'जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संभावित घुसपैठ की कोशिश के बारे में खुफिया जानकारी दी थी। इसके आधार पर भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने गुरेज सेक्टर में एक संयुक्त अभियान शुरू किया था। सतर्क जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और उन्हें चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। अभियान अभी चल रहा है।'
यह भी पढ़ें: 1000 लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, पाकिस्तान में निशाने पर क्यों हिंदू?
पहलगाम हमले के बाद मारे गए इतने आतंकी
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद लगातार आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में हुए 7 अलग-अलग एनकाउंटर में अब तक 23 आतंकवादी मारे गए हैं। 28 अगस्त को मारे गए दो आतंकियों की पहचान सामने नहीं आई है। अन्य 21 में से बारह आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि उनमें नौ स्थानीय लोग शामिल थे।