जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए। यह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब कुछ आतंकवादी सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे और सतर्क सुरक्षाबलों ने उन्हें समय रहते पकड़ लिया। भारतीय सेना की 'व्हाइट नाइट कोर' के अनुसार, सेना के जवानों ने सीमा पर संदिग्ध गतिविधि देखी और तुरंत कार्रवाई की। घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को रोकते हुए सेना ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें दो आतंकवादी ढेर हो गए। इस ऑपरेशन में तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं।
सेना की ओर से बताया गया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से सूचनाओं के आदान-प्रदान और समन्वय के कारण सफल हो पाया। सेना की अपनी खुफिया इकाइयों और जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिले सटीक इनपुट के आधार पर समय रहते कार्रवाई की गई, जिससे यह आतंकवादी घुसपैठ विफल हो गई।
यह भी पढ़ें- ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी और पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा?
ऑपरेशन महादेव के बाद ऑपरेशन शिवशक्ति
आज की घटना से ठीक दो दिन पहले यानी सोमवार को ऐसा ही एक और ऑपरेशन हुआ था। उसका नाम 'ऑपरेशन महादेव' रखा गया था। उस ज्वाइंट ऑपरेशन में उन तीन आतंकियों को मार गिराया गया था, जो पहलगाम के आतंकी हमले में शामिल थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में बताया था कि इन तीनों के नाम- सुलेमान, जिबरान और अफजाल हैं। इसमें सुलेमान को पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
इसमें से जिबरान को अक्टूबर 2024 में हुए सोनमर्ग टनल हमले में शामिल बताया गया है। इन मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने एक एम4 कार्बाइन, दो एके राइफलें और अन्य गोला-बारूद भी बरामद किए हैं।
यह भी पढ़ें-- थरूर के बाद मनीष तिवारी! 'है प्रीत जहां की...' वाले ट्वीट से दिए संकेत
कैसे मिली थी जानकारी?
सेना के ये ऑपरेशन स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में कोई चूक नहीं की जा रही और आतंकियों की हर कोशिश का करारा जवाब दिया जा रहा है। सेना और पुलिस की आपसी तालमेल और खुफिया जानकारी के दम पर ऐसी घुसपैठ की कोशिशें लगातार नाकाम की जा रही हैं। इन घटनाओं से यह भी साफ है कि आतंकवादियों की गतिविधियां अब भी सक्रिय हैं लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। भारतीय सेना हर परिस्थिति का साहस और चतुराई से सामना कर रही हैं।