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'आरक्षण विरोधी थे नेहरू', आंबेडकर विवाद के बीच जीतन राम मांझी का दावा

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को आरक्षण विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि नेहरू आरक्षण नहीं चाहते थे, क्योंकि उनका मानना था कि इससे समाज में बंटवारा होगा।

Jitan Ram Manjhi

जीतन राम मांझी। (फाइल फोटो-PTI)

संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने आंबेडकर को लेकर जो बयान दिया था, उस पर बवाल जारी है। इस बयान पर विपक्ष अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को 'आरक्षण विरोधी' बताया है। मांझी ने कहा कि नेहरू खुद आरक्षण विरोधी थे और विपक्ष दावा कर रहा है कि अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया।

क्या कहा मांझी ने?

आंबेडकर का अपमान करने के विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा, 'उनके (विपक्ष) पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है उठाने के लिए इसलिए वह ऐसा कह रहे हैं। हमारे पास इस देश को आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से आगे ले जाने का एजेंडा है।'

 

मांझी ने आगे कहा, 'उन्होंने (अमित शाह ने) उन्हें (कांग्रेस) को चुनौती दी थी कि आप हमेशा आंबेडकर का नाम लेते रहते हैं लेकिन क्या आप उनका अनुसरण करते हैं। आपने (कांग्रेस) आंबेडकर का अपमान किया है, जबकि इस सरकार ने उनका सम्मान किया है। उनके पास अब कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए इस तरह के आरोप लगाने की प्रवृत्ति बन गई है।'

नेहरू आरक्षण के विरोध में थेः मांझी

इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांझी ने नेहरू को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि उनका मानना था कि इससे समाज में बंटवारा हो जाएगा। मांझी ने कहा, 'नेहरू आरक्षण के पक्ष में नहीं थे। मानते थे कि भेदभाव हो जाएगा। कांग्रेस के नेता नेहरू का नजरिया अनुसूचित जाति के खिलाफ था। आंबेडकर महाराष्ट्र से दो बार चुनाव लड़े। आंबेडकर को हराने वाले को नेहरू ने सम्मानित किया था।'

अमित शाह ने क्या कहा था?

राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा था कि आजकल आंबेडकर का नाम लेना फैशन बन गया है। उन्होंने कहा था, 'आजकल आंबेडकर का नाम लेना फैशन बन गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर... इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।'

 

अमित शाह की इस टिप्पणी पर जमकर बवाल हुआ था। विपक्ष ने अमित शाह से माफी मांगने की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। खड़गे ने कहा था, 'प्रधानमंत्री से मेरा कहना है कि अंगर बाबा साहेब के लिए थोड़ी भी जगह है तो फौरन अमित शाह को हटा देना चाहिए। बर्खास्त कर देना चाहिए।'

 

वहीं, अमित शाह ने कांग्रेस पर उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था। अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था, 'मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी आंबेडकर का अपमान नहीं करती।'

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