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चीन से तनाव फिर भी शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा? इनसाइड स्टोरी

कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर पहले 5 अलग-अलग दल उत्तराखंड से जाएंगे, वहीं 10 तीर्थयात्री सिक्किम से जाएंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Kailash Mansarovar Yatra

कैलाश मानसरोवर यात्रा। (Photo Credit: kmy.gov.in)

भारत और चीन के बीच तल्ख रिश्तों को सुधारने की कोशिश की जा रही है। 5 साल से जिस कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगाई गई थी, अब उसके दोबारा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत चीन के बीच सीमा विवाद 2022 में गहरा गया था, जब गलवान में भारतीय और चीन के जवान आपस में भिड़ गए थे। भारत सरकार ने कहा है कि कैलाश यात्रा, इस साल जून से शुरू होगी। दोनों देशों के बीच टूटे भरोसे को एक बार फिर कायम करने की कवायद की जा रही है। गलवान घाटी में 20 जवान शहीद हो गए थे। 

पूर्वी लद्दाख में चीन और भारतीय सेनाओं के बीच कई स्तर की बैठकें हुईं। भारत-चीन सीमा पर 50 हजार से 60 हजार जवान अब भी तैनात हैं। दोनों सेनाओं के बीच यह आम सहमति बनी कि यहां से सैनिकों को कम किया जाए। कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत के लिए बेहद अहम है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव इसी पर्वत पर रहते हैं। नवंबर 2024 से एक बार फिर रिश्तों को सामान्य करने के लिए कूटनीतिक वार्ता की शुरुआत हुई थी।

भारत सरकार ने शनिवार को ऐलान किया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 तक के लिए फिर से शुरू हो रही है। यह यात्रा पिछले पांच साल से बंद थी, पहले कोविड-19 महामारी और फिर भारत-चीन के बीच LAC पर सैन्य तनाव की वजह से इसे रोक दिया गया था। अब यह यात्रा दोबारा शुरू की जा रही है।

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किन रास्तों से जाएंगी तीर्थयात्री?
उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से 5 बैच रवाना होगा। हर बैच में कम से कम 50 यात्री होंगे। सिक्किम के नाथू ला दर्रे से 10 बैच रवाना होगा। इसमें भी तीर्थयात्रियों की संख्या 50 ही रहेगी। कुल मिलाकर 750 यात्री इस पवित्र यात्रा पर जाएंगे।

क्यों खास है कैलाश यात्रा?
कैलाश मानसरोवर हिंदुओं, जैनों और बौद्धों के लिए बेहद अहम है। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का दर्शन करते हैं। हिंदुओं के लिए कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास है, मानसरोवर झील में नहाने से पाप मिटते हैं। इस झील को मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने तैयार किाय था। जैनों के लिए यह ऋषभनाथ की निर्वाण स्थली है। बौद्ध इसे पवित्र तीर्थ मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां बुद्ध की ऊर्जा निवास करती है।  

कैलाश पर्वत। (Photo Credit: kmy.gov.in)



कैसे यात्रा के लिए आवेदन करें?
जो भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं, वे kmy.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। हर साल मानसरोवर यात्रा के लिए केवल कुछ ही यात्री चुने जाते हैं। 

चुनौतियां क्या हैं?
5 साल से यात्रा का हर रूट बंद है। आम लोग यहां नहीं जा सकते थे। अब चुनौती यह है कि कैसे इसे दोबारा शुरू किया जाएगा। दोनों देशों के लिए इस यात्रा को शुरू करना, अभी बड़ी चुनौती है, दोनों तरफ सड़कों पर काम करना होगा। 

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कैसे बनी कैलाश यात्रा पर बात? इनसाइड स्टोरी

भारत के लिए कैलाश यात्रा आध्यात्मिक तौर बेहद अहम है। यह भगवान शिव की स्थली मानी जाती है। कैलाश यात्रा रुकने से हिंदुओं का एक बड़ा तबका मायूस था। यात्रा को फिर से बहाल करने के लिए नवंबर 2024 में कूटनीतिक स्तर पर वार्ता शुरू हुई। नवंबर में ही विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात हुई। ब्राजील में G-20 समिट के दौरान दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। अब यात्रा की शुरुआत जून से हो रही है। दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। दोनों देश अब सीमा पार नदियों से जुड़े आंकड़े शेयर कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट को लेकर सहमति बन सकती है। अभी तक चीन की तरफ से वीजा नियमों को बेहद सख्त रखा गया है, इसमें ढील दिया जा सकता है।   

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