कर्नाटक के तुमकूर में एक महिला फैमिली कोर्ट जाना भारी पड़ा। वह कोर्ट की ओर जैसे ही बढ़ रही थी, एक आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया, जिसके बाद वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई। महिला के चेहरे पर गहरे घाव बन गए हैं। वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह कुत्ते की पकड़ से महिला को छुड़ाया। महिला का चेहरा खून से सन गया था। स्थानीय लोगों ने कुत्ते को पीट-पीटकर मार डाला है।
महिला कोर्ट में अपने मुकदमे में पेश होने के लिए आई थी, तभी वहां से एक आवारा कुत्ता गुजरा। कुत्ते ने सीधे महिला के चेहरे पर ही धावा बोल दिया। पीड़िता की पहचान गंगूबाई के तौर पर हुई है। उनकी उम्र 35 साल है। वह त्पितुर तालुक के बीरसांद्रा गांव की रहने वाली हैं। वह पारिवारिक विवाद के एक मामले में कोर्ट में पेश होने आईं थीं।
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टॉयलेट गई थी महिला, कुत्ते ने हमला कर दिया
महिला शौचालय से बाहर निकल रही थी, तभी आवारा कुत्ते ने हमला किया। जब महिला ने भागने की कोशिश की तो कुत्ते ने चेहरे पर हमला किया और नोच डाला। महिला के चेहरे से खून बहने लगा। वहां मौजूद लोगों ने कुत्ते को दौड़ा लिया और मार डाला।
खून से लाल हो गया था चेहरा
गंगूबाई को पहले गुब्बी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया लेकिन घाव गहरा होने की वजह से उन्हें बेंगलुरु भेज दिया गया। दिल्ली में एक तरफ जहां हाल ही में कुत्तों को शेल्टर होम में शिफ्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था, जिसे विरोध के बाद वापस लेना पड़ा, वहां अब यह मामला सुर्खियों में है। कई संगठन, कुत्तों के बढ़ते हमलों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
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कितनी बड़ी समस्या हैं आवारा कुत्ते?
आवारा कुत्तों के बढ़ते मामले पर सुप्रीम कोर्ट तक चिंता जाहिर कर चुका है। कोर्ट ने कहा था कि कुत्तों के काटने से छोटे बच्चे रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहे हैं। साल 2021 में आवारा कुत्तों की गिनती केंद्र सरकार ने कराई थी। देश में आवारा कुत्तों की संख्या 1.53 करोड़ थी।
1 अप्रैल को केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि 2022 में देशभर में कुत्तों के काटने के 21.89 लाख मामले सामने आए थे। 2023 में यह बढ़कर 30.52 लाख हो गए। वहीं, 2024 में कुत्तों के काटने की 37.15 लाख घटनाएं सामने आई थीं। 2022 से 2024 के बीच कुत्तों के काटने की घटनाएं लगभग 70 फीसदी बढ़ गई हैं।