'हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते', निमिषा केस में केंद्र का SC में जवाब
देश
• NEW DELHI 14 Jul 2025, (अपडेटेड 14 Jul 2025, 2:04 PM IST)
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि प्रिया के मामले में हर संभव कोशिश की जा रही है।

निमिषा प्रिया। (Photo Credit: Social Media/AI Generated)
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। इससे पहले सोमवार को भारतीय सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि 'सरकार जितना कर सकती थी, सब किया। अब इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती।' इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख दी है।
दरअसल, निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में दोषी पाया गया है और फांसी की सजा दी गई है। उनकी फांसी की तारीख 16 जुलाई तय है। इसे लेकर 'सेव निमिषा प्रिया- इंटरनेशनल ऐक्शन काउंसिल' की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। इसमें मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने के लिए डिप्लोमैटिक चैनल का इस्तेमाल करे।
इस याचिका पर सोमवार को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप दत्ता की बेंच ने सुनवाई की। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि भारतीय नर्स से जुड़े मामले में भारत सरकार हर संभव कोशिश कर रही है।
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केंद्र ने क्या-क्या कहा?
इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'एक सीमा है जहां तक भारत सरकार जा सकती है और हम उस सीमा तक पहुंच चुके हैं।'
निमिषा प्रिया की तरफ से पेश वकील ने कहा कि प्रिया का परिवार और समर्थक 'ब्लड मनी' के लिए बातचीत कर रहे हैं, ताकि शरिया कानून के तहत पीड़ित परिवार से उसे माफी मिल सके। वकील ने कहा कि केंद्र सरकार डिप्लोमैटिक चैनल से इस बातचीत में मदद कर सकती है।
इस पर अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने कहा, 'यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए, सरकार कुछ खास नहीं कर सकती। ब्लड मनी का मामला एक निजी बातचीत है। एक हद तक भारत सरकार मदद कर सकती है। हम उस हद तक पहुंच चुके हैं। यमन दुनिया के बाकी देशों जैसा नहीं है।'
The Supreme Court hears a plea seeking directions to the Indian government to intervene and save Nimisha Priya, an Indian national facing the death penalty in a murder case in Yemen, through diplomatic negotiations.
— ANI (@ANI) July 14, 2025
Counsel for Priya informed the Court that the only remaining… pic.twitter.com/oRicFNHMIs
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार प्रिया की मदद के लिए हर मुमकीन कोशिश कर रही है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि प्रिया के मामले को देख रहे सरकारी वकील समेत यमनी अधिकारियों के साथ बातचीत चल रही है, ताकि बातचीत जारी रहने तक फांसी पर रोक लगाई जा सके।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने इस मामले को 'जटिल' बताया। जस्टिस संदीप मेहता ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर निमिषा प्रिया की जान चली जाती है तो यह बहुत दुखद होगा।
याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान फांसी पर रोक लगाने की बात कही। इस पर कोर्ट ने कि वह किसी दूसरे देश के लिए आदेश कैसे जारी कर सकती है। कोर्ट ने कहा, 'हम कैसे इस पर कोई आदेश दे सकते हैं? इसका पालन कौन करेगा?'
दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी। कोर्ट ने 18 जुलाई को दोनों पक्षों से इस मामले का स्टेटस बताने को कहा है।
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क्या है मामला?
केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया 2008 में केरल गई थी। वही 2011 में शादी के लिए केरल आई थी। शादी के बाद निमिषा अपने पति टॉमी थॉमस के साथ यमन वापस चली गईं। हालांकि, 2014 में उनके पति और बेटी केरल वापस आ गए।
निमिषा यमन में अपना क्लीनिक खोलना चाहती थीं। हालांकि, यमन के कानून के मुताबिक, कोई स्थानीय नागरिक ही कारोबार शुरू कर सकता है। ऐसे में निमिषा की मुलाकात यमन के रहने वाले तलाल अब्दो महदी से हुई। दोनों ने मिलकर राजधानी सना में एक क्लीनिक शुरू की। हालांकि, बाद में तलाल उन्हें टॉर्चर करने लगा। तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट भी रख लिया था।
इस बीच 2017 में निमिषा ने अपना पासपोर्ट छुड़ाने के लिए तलाल को नशे की गोली दी और इसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। तलाल की हत्या के जुर्म में 2020 में यमन की ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को फांसी की सजा सुनाई। अप्रैल 2023 में यमन की सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को बरकरार रखा। इसके बाद जनवरी 2024 में यमन के हूती विद्रोहियों की सुप्रीम काउंसिल ने फांसी की सजा पर मुहर लगा दी।
अब निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रुकवाने का बस एक ही रास्ता 'ब्लड मनी' बचा है। यह एक तरह की रकम होती है जो पीड़ित परिवार को दी जाती है, जिसे लेकर वह दोषी को माफी दे सकता है। बताया जा रहा है कि निमिषा के परिवार ने तलाल के परिवार को 10 लाख डॉलर की ब्लड मनी की पेशकश की है।
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