ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक इंजीनियरिंग की छात्रा ने संदिग्ध परिस्थिति में सुसाइड कर लिया। छात्रा बीटेक की थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी और मृतक का शव उसके कमरे में फंदे से लटका मिला। सोशल मीडिया में यह मामला काफी ज्यादा बढ़ गया है। वहीं, विश्वविद्यालय के परिसर में भी तनाव बना हुआ है। हालात बिगड़ने लगे तो कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के अधिकारियों ने कई नेपाली छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया और उन्हें कटक रेलवे स्टेशन पहुंचा दिया।
क्या है मामला?
बता दें कि मृतक 20 वर्षीय छात्रा प्रकृति लामसाल इसी विश्वविद्यालय में पढ़ती थी। ऐसे में अब खुद नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मामले को संज्ञान में लिया है। उन्होंने अपने देश के प्रदर्शनकारी छात्रों को जबरन बेदखल करने का दावा किया और दिल्ली से मामले को सुलझाने का अनुरोध किया है।
इस मामले में लखनऊ के 21 साल के छात्र को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने प्रकृति को बार-बार परेशान किया और आत्महत्या के लिए उकसाया जिसके कारण पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। लड़की के चचेरे भाई ने भुवनेश्वर के इन्फोसिटी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत में कहा कि संदिग्ध के खिलाफ अधिकारियों को कई शिकायतें किए जाने के बाद भी पुलिस इस मामले को अनसुना कर रही है।
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PM ओली ने क्या लिखा?
प्रधानमंत्री ओली ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से हमें पता चला है कि छात्रावास में एक नेपाली छात्र की मौत हो गई है और नेपाली छात्रों को जबरन छात्रावास से बाहर निकाल दिया गया है। सरकार इस मामले पर कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से काम कर रही है और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है।' उन्होंने बाद में सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक अन्य पोस्ट में कहा, 'नेपाल दूतावास ने प्रभावित नेपाली छात्रों की काउंसलिंग के लिए भुवनेश्वर में अधिकारियों की एक टीम को तैनात किया है।'
ओडिशा सरकार ने इसके तुरंत बाद केआईआईटी अधिकारियों को नेपाली छात्रों को परिसर में वापस आने की अनुमति देने का निर्देश दिया। विश्वविद्यालय ने कहा, 'हमारे सभी नेपाली छात्रों से अपील की जाती है कि वे वापस लौट आएं, जिन्होंने परिसर छोड़ दिया है या छोड़ने की योजना बना रहे हैं।' इससे पहले दिन में, नेपाली छात्रों की एक बड़ी संख्या ने विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया।
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नेपाली छात्राओं को पहुंचाया कटक रेलवे स्टेशन
समाचार एजेंसी PTI ने कटक रेलवे स्टेशन पर केआईआईटी के एक नेपाली छात्र के हवाले से बताया 'सब कुछ बहुत जल्दी हुआ। हमें अपने छात्रावास के कमरे खाली करने को कहा गया और रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया। हमारी 28 फरवरी को परीक्षा होनी है।' ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि सीएम मोहन चरण माझी ने अधिकारियों से "मामले को अत्यंत गंभीरता से लेने" के लिए कहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'केआईआईटी को नेपाली छात्रों को नहीं निकालना चाहिए था।'