ओडिशा के भुवनेश्वर से लेकर नेपाल की संसद तक इस समय बवाल मचा हुआ है। 20 साल की नेपाली छात्रा प्रकृति लामसाल की आत्महत्या के बाद, परिसर में तनाव बना हुआ है। इस घटना के बाद, पहले नेपाली छात्रों को परिसर खाली करने का निर्देश दिया था लेकिन बाद में इस निर्णय को वापस ले लिया गया। बता दें कि वर्तमान में, लगभग 100 नेपाली छात्र परिसर में मौजूद हैं जबकि शेष 800 छात्र नेपाल लौट चुके हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्थिति को सामान्य करने के लिए कदम उठाए हैं और नेपाली छात्रों से अपनी कक्षाओं में लौटने की अपील की है। इसके साथ ही, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है। जानकारी के लिए बता दें कि कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT), भुवनेश्वर में वर्तमान में लगभग 900 नेपाली छात्र पढ़ाई कर रहे थे जिसमें से अब महज 100 ही बचे हुए है।
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विदेशी छात्रों में नेपाली छात्रों की संख्या सबसे अधिक
भारत में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विदेशी छात्रों में नेपाली छात्रों की संख्या सबसे अधिक है। 2018-19 के आंकड़ों के अनुसार, कुल 47,427 विदेशी छात्रों में से लगभग 26.88% (लगभग 12,760 छात्र) नेपाल से थे। 2021-22 के आंकड़ों में, यह संख्या बढ़कर 13,126 हो गई। बता दें कि भारत और नेपाल के बीच मजबूत सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों के कारण नेपाली छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
भारत सरकार भी नेपाली छात्रों को स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है, जिससे वे इंडियन यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सकें। ऐसे में KIIT यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर नेपाली छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र रहा है। बता दें कि KIIT यूनिवर्सिटी अपनी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, आधुनिक सुविधाओं, और विविध सांस्कृतिक वातावरण के लिए जाना जाता है। ऐसे में यह नेपाली छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के मामले में पहली पसंद मानी जाती है। हालांकि, वर्तमान स्थिति को देखते हुए, नेपाली छात्रों के लिए विश्वविद्यालय में पढ़ाई जारी रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
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KIIT भुवनेश्वर नेपाली छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र क्यों?
- KIIT भुवनेश्वर भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए बहुत नामी यूनीवर्सिटी है। यह खासकर नेपाली छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है। क्या हे इसके पीछे के कारण, आइये समझें:
- KIIT विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख प्राइवेट यूनिवर्सिटी में से एक है, जो इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, बिजनेस, और अन्य हाई प्रोफेशनल कोर्सेस कराता है। इसका वर्ल्ड रैंकिंग में भी अच्छा स्थान है, जिससे यह नेपाली छात्रों के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो जाता है।
- भुवनेश्वर का जियोग्राफिकल एरिया नेपाल से पास है, जिससे नेपाली छात्रों को यहां आने-जाने में आसानी होती है। इसके अलावा, भारत और नेपाल के बीच मुक्त आवाजाही की सुविधा है, जिससे नेपाल के छात्र बिना वीजा के भी भारत में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- KIIT में अन्य अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की तुलना में फीस कम है। साथ ही, विश्वविद्यालय कई स्कॉलरशिप भी देता है, जिनसे नेपाली छात्रों को आर्थिक मदद मिलती है।
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नौकरी के अवसर, प्लेसमेंट...आगे क्या?
KIIT विश्वविद्यालय में कई नेपाली छात्र पहले से पढ़ रहे हैं, जिससे नए छात्रों को सामुदायिक समर्थन मिलता है। इसके अलावा KIIT अपने बेहतरीन प्लेसमेंट रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। यहां पढ़ने वाले छात्रों को भारत और अन्य देशों की बड़ी कंपनियों में नौकरी के अच्छे अवसर मिलते हैं, जिससे नेपाली छात्र भी आकर्षित होते हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय कैंपस में डिजिटल लाइब्रेरी, रिसर्च लैब्स, हॉस्टल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
इन सभी कारणों से, KIIT भुवनेश्वर नेपाली छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र बन चुका है। हालांकि, हाल ही में एक नेपाली छात्रा की आत्महत्या के बाद विश्वविद्यालय में नेपाली छात्रों के लिए कुछ चुनौतियां बढ़ती जा रही है। अब देखना होगा की इस विवाद के बाद क्या यूनिवर्सिटी की लोकप्रियता कम हो जाएगी? क्या अब भी यह विश्वविद्यालय नेपाली छात्रों की पहली पसंद बनी रहेगी?