खून से लथपथ शरीर, फेफड़ों में भरा कीचड़; किश्तवाड़ में तबाही का मंजर
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• KISHTWAR 15 Aug 2025, (अपडेटेड 15 Aug 2025, 7:46 AM IST)
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चोसिती गांव में गुरुवार को बादल फट गया। इस दुर्घटना में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी चल रहा है।

चोसिती गांव का मंजर। (Photo Credit: PTI)
पहले 5 अगस्त को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटा था। इस दुर्घटना के ठीक 9 दिन बाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चोसिती गांव में गुरुवार को बादल फट गया। धराली गांव में जैसा मंजर दिखा था, वैसा ही चोसिती गांव में देखने को मिला। हालांकि, चोसिती गांव की घटना कहीं ज्यादा भयावह थी। अब तक इस हादसे में 46 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। मारे जाने वालों में CISF के दो जवान भी शामिल हैं। अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
बादल फटने की घटना के बाद बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। NDRF और SDRF के जवानों के साथ-साथ सेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा और अभी भी जारी है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अब तक 167 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है। इनमें से 38 की हालत गंभीर है। गुरुवार को जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे-वैसे मरने वालों की संख्या भी बढ़ती चली गई। आशंका है कि यह संख्या अभी और बढ़ सकती है। इस दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाली एट होम टी पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताया है।
क्या-कैसे-कहां हुआ? जानें सबकुछ
- कहां फटा बादल?: किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर चोसिती गांव में। बताया जा रहा है कि दोपहर 12 बजे से 1 बजे बादल फटा था। साढ़े 9 हजार फीट की ऊंचाई पर बने मचैल माता मंदिर जाने के रास्ते पर पड़ने वाला आखिरी गांव चोसिती ही है।
- बादल फटने के बाद क्या हुआ?: बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आ गई। तेजी से बहते पानी ने घरों, दुकानों और गाड़ियों और अपनी चपेट में ले लिया। मलबा लेकर आया ये पानी कई लोगों को दबाता चला गया। अचानक आई बाढ़ में एक सिक्योरिटी कैंप और बस स्टैंड पर खड़ी कई गाड़ियां भी बह गईं।
- अब तक कितना नुकसान?: इस दुर्घटना में अब तक कम से कम 46 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। मलबे में अब भी 75 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका है, इसलिए मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है। बचावकर्मियों ने 160 से ज्यादा लोगों को बचा लिया है।
- कैसा चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन?: इस रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF, SDRF, सेना और पुलिस के जवान शामिल हैं। आर्मी के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेना के 300 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू और रिकवरी ऑपरेशन में कम से कम 20 दिन चल सकता है।
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मरने वालों की संख्या इतनी कैसे?
चोसिती आखिरी गांव है, जो मचैल माता मंदिर जाने के रास्ते पर पड़ता है। मचैल माता मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं का बेस कैंप है। मचैल माता मंदिर जाने वाली यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु चोसिती गांव में थे। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू हो चुकी है और 5 सितंबर तक चलेगी। बादल फटने की घटना होने के बाद इस यात्रा को निलंबित कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि जिस वक्त बादल फटा, उस वक्त चोसिती गांव में पास में ही लंगर चल रहा था। बादल फटने के बाद आई फ्लैश फ्लड में यह जगह भी चपेट में आ गई।
Deeply distressed to learn about the devastating cloudburst in the Chositi area of Padder, which may lead to significant loss of life.I have just spoken with LG @manojsinha_ Ji and @DrJitendraSingh Ji to assess the situation. NDRF teams and helicopters are being mobilized to the… pic.twitter.com/dGtOk1yWlM
— Sunil Sharma (@Sunil_SharmaBJP) August 14, 2025
इस घटना के कई वीडियो सामने आए हैं। इसमें दिख रहा है कि कैसे कीचड़ और मलबे से भरा पानी खड़ी ढलानों से नीचे आता दिख रहा है। इसके रास्ते में आने वाली हर चीज तबाह हो गई। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए। चट्टानें गिरकर सड़कों पर आ गई। लैंडस्लाइड ने इस खूबसूरत और हरे-भरे गांव में भूरे रंग में बदल दिया।
कैसा था वह मंजर?
जम्मू से आए एक श्रद्धालु ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, 'हम लंगर के पास वाली दुकान से ही निकले थे। हम बमुश्किल एक किलोमीटर दूर आए होंगे और यह घटना हो गई। अचानक आई बाढ़ ने रास्ते में आने वाली हर चीज को तबाह कर दिया। कुछ ही मिनटों में लंगर गायब हो गया।'
अस्पतालों में जो लाशें और घायल लोग आ रहे हैं, उनकी हालत देखकर इस हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि खून से लथपथ और टूटी पसलियों के साथ घायल पहुंचे हैं। स्थानीय लोगों, सेना के जवानों और पुलिस ने घायलों को घंटों तक कीचड़ भरे इलाके से खोदकर अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचाया। कइयों को तो यह तक पता नहीं चला कि उनके साथ क्या हुआ?
PTI INFOGRAPHICS | Massive flashflood hits J-K's Kishtwar region; several killed, injured
— Press Trust of India (@PTI_News) August 14, 2025
Several people were killed when a massive cloudburst struck a remote village in Jammu and Kashmir’s Kishtwar district on Thursday, officials said.
The disaster occurred in Chashoti, the… pic.twitter.com/cL5yvD8ln7
बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा, 'चोसिती में भारी तबाही हुई है। आप हर जगह तबाही, मौतें और घायलों का मंजर देख सकते हैं। यह सबसे खराब हालत है।'
चोसिती गांव में आसपास जो दिख रहा है, वह दिल दहला देने वाला है। दुर्घटना होने के बाद सुनील शर्मा और स्थानीय विधायक शुगन परिहार भी मौके पर पहुंचीं। शुगन परिहार ने कहा, 'यह असहनीय स्थिति है। मैं अपने आंसू नहीं रोक पा रही हैं लेकिन हम उनकी मदद के लिए यहां हैं। बादल फटने से तबाह हुए गांव में स्थिति बहुत खराब है।'
VIDEO | A massive cloudburst struck Jammu and Kashmir's Kishtwar district.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 14, 2025
(Source: Third Party)#kishtwar #cloudburst
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/nO6nHMEY5W
अस्पताल में भी हालात बहुत खराब हो गए हैं। घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस कारण अस्पताल में बेड भी कम पड़ गए हैं। कई घायलों का जमीन पर इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि कई घायलों की हालत बहुत गंभीर है। उनकी पसलियां और पैर टूट गए हैं। मेडिकल कर्मचारियों ने कहा कि ज्यादातर लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। कुछ को छाती में, कुछ को सिर में और कुछ को पैरों में। अधिकारियों ने इस बात की आशंका भी जताई है कि घायलों के गले, फेफड़ों और घावों में रेत और कीचड़ गहराई तक धंस गया होगा।
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20 दिन तक चलेगा रेस्क्यू ऑपरेशन
बादल फटने के बाद आई फ्लैश फ्लड ने ऐसी तबाही मचाई है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। पानी का तेज बहाव अपने साथ सबकुछ बहाकर ले गया। घर, गाड़ी, लोग और जो कुछ भी रास्ते में आया, वह सब इसकी चपेट में आ गया।
स्थानीय लोगों के साथ-साथ NDRF, SDRF और सेना के जवान भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए NDRF की दो और टीमों को यहां भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि इतनी तबाही मची है कि चोसिती गांव में रेस्क्यू और रिकवरी ऑपरेशन पूरा होने में 20 दिन लग जाएंगे।
#WhiteKnightCorps | #HADR
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) August 14, 2025
Humanitarian and Disaster Relief operations are in progress at #chisoti village #Kishtwar, wherein the dedicated troops of #WhiteKnightCorps braving the harsh weather and rugged terrain are engaged in evacuation of injured. Relief stores in terms of… pic.twitter.com/LWVA5DVN8h
घायलों की हालत बहुत खराब है। मेडिकल अधिकारियों ने घायलों के कीचड़ से सने होने के कारण स्थानीय लोगों से घर से कपड़े लाने की अपील की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्घटना पर दुख जताया है और बताया कि स्थिति को मॉनिटर किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी इस पर दुख जताया है। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की है।
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