साइबर सुरक्षा आज राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बना चुका है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सेफ साइबर स्पेस’ अभियान शुरू की है। इसी को देश की हर महिला तक पहुंचाने के मकसद से राष्ट्रीय महिला आयोग ने 'यशोदा एआई अभियान' शुरू किया है। भारत के इस पहले AI साक्षरता अभियान का मकसद डिजिटल सुरक्षा है। इससे देशभर की महिलाओं को AI, साइबर सुरक्षा को लेकर साक्षर और सुरक्षित बनाया जाएगा। साथ ही महिलाओं के लिए डिजिटलीकरण आत्मनिर्भर बनने का साधन भी साबित होगा। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन विजय राहटकर ने फ्यूचर शिफ्ट लैब्स के सहयोग से 'विकसित भारत के लिए एआई साक्षर नारी' नारे के साथ 22 मई 2025 से यशोदा AI अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय से की है। इस मौके पर फ्यूचर शिफ्ट लैब के डायरेक्टर और को-फाउंडर सागर विश्नोई, यशोदा एआई के कन्वीनर प्रणव द्विवेदी, विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के.पी सिंह और एनडब्ल्यूसी के रामावतार जी, शिवानी डे और संतोष कुलकर्णी मौजूद रहे।
डिजिटल दौर में टेक्नॉलजी तेजी से बदल रही है। ऐसे में भारत के ग्रामीण और छोटे कस्बों में रहने वाली महिलाओं को एआई, साइबर अपराध और टेक्नॉलजी की बेहतर समझ पैदा करने के लिए अभियान शुरू किया गया है। यह पीएम मोदी के महिला सशक्तीकरण और विकसित भारत के सपने को पूरा करने में मददगार साबित होगा।
डिजिटल साक्षर बनाने का अभियान
यशोदा AI के तौर पर ऐसे यूनीक कार्यक्रम से AI से जुड़े अपराधों और उससे उपजी गंभीर चुनौतियों, डिजिटल प्राइवेसी और उससे बचने की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, उन्हें तकनीकी तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जाएएगा। इस डिजिटल साक्षरता अभियान में छात्राएं, अध्यापिकाएं और पुलिस विभाग में कार्यरत महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
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इस मौके पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा विजया राहटकर ने कहा, "आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है। AI के इस दौर चुनौतीपूर्ण काल के लिए खुद को तैयार करने में महिलाएं पीछे हैं। ऐसे में महिलाओं को एआई, साइबर अपराध और टेक्नॉलजी के सही इस्तेमाल को लेकर जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। इसी सोच को ‘यशोदा AI’ आगे बढ़ा रही है।"
साइबर खतरों से बच सकेंगी महिलाएं
फ्यूचर शिफ्ट लैब्स के संस्थापक नितिन नारंग ने कहा, "यशोदा AI महिलाओं को तकनीक और AI की जानकारी उपलब्ध कराकर भविष्य के लिए तैयार करेगा। इस तरह की पहल महिलाओं को AI के सुरक्षित और स्मार्ट इस्तेमाल के साथ साइबर खतरों से बचने के तरीके भी बताएगी।"
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राष्ट्रीय महिला आयोग एक सांविधिक निकाय है। यह महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है। राष्ट्रीय महिला आयोग का उद्देश्य भारत में महिलाओं के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए और उनके मुद्दों और चिंताओं को प्रमुखता से उठाना और उनके लिए काम करना है। इसका गठन 1990 में पारित अधिनियम के तहत 31 जनवरी 1992 में किया गया।