जोक और कॉमेडी करने पर मुकदमा क्यों दर्ज हो जाता है? समझिए पूरी बात
देश
• NEW DELHI 24 Mar 2025, (अपडेटेड 24 Mar 2025, 2:46 PM IST)
देश में मजाक करने की स्वतंत्रता है लेकिन अगर कोई मजाक किसी की मानहानि, धार्मिक भावनाओं को ठेस, समाज में नफरत, या महिलाओं का अपमान करता है, तो BNS के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

सांकेतिंक तस्वीर, Photo Credit: AI Generated pic
जनवरी 2021 की बात है जब मध्य प्रदेश के इंदौर में कुछ कॉमेडियन्स ने एक शो रखा था। इसमें फेमस कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी भी मौजूद थे। शो चला, लोग मजाक पर हंसे और रात बीत गई लेकिन इसके अगले दिन ही मुनव्वर फारूकी समेत 4 कॉमेडियन गिरफ्तार हो गए। इसमें कॉमेडियम नलिन यादव भी शामिल थे।
पता चला कि यह गिरफ्तारी इसलिए हुई क्योंकि कुछ हिंदुवादी संगठन के कार्यकर्ताओं को शो से आपत्ति थी। हालांकि, इस घटना के बाद से मुनव्वर को बहुत शोहरत मिली लेकिन नलिन यादव की पूरी जिंदगी बदल गई। नलिन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वह इस मामले में लगभग 57 दिनों तक जेल की सलाखों में रहे। नलिन ने बताया कि जेल से निकलने के बाद उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई थी।
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5 साल बाद कुणाल कामरा के मजाक से मचा बवाल
ऐसा ही कुछ मामला 5 साल बाद कॉमेडियन कुणाल कामरा के साथ हो रहा है। रविवार यानी 23 मार्च को उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति पर ऐसी कॉमेडी की कि अब वह उनके लिए ट्रेजडी बन गई है। दरअसल, उन्होंने मुंबई के यूनिकॉन्टिनेंटल होटल में एक शो किया था। इस शो का ऑर्गेनाइजेशन द हैबिटेट था।
अब हुआ यह कि कुणाल ने बिना नाम लिए महाराष्ट्र की डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर आपत्तिजनक कविता पढ़ी जिसके बाद मामला तूल पकड़ने लगा। शिंदे गुट के पार्टी कार्यकर्ताओं ने होटल में जमकर तोड़फोड़ की और कुणाल कामरा की गिरफ्तारी की मांग की। हालांकि, इस पूरे विवाद के बाद मुंबई पुलिस ने कुणाल के खिलाफ FIR दर्ज कर दी है। कामरा पर BNS की धारा 353(1)(b) (सार्वजनिक अशांति भड़काने वाले बयान) और 356(2) (मानहानि) के तहत FIR दर्ज हुई है।
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महज मजाक के लिए गए जेल तो कुछ पर दर्ज हुआ FIR
कुणाल कामरा, नलिन यादव, समय रैना, मुनव्वर फारूकी और न जाने कितने ही ऐसे भारतीय कॉमेडियन है जिनपर महज मजाक को लेकर FIR दर्ज हुई है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या एक मजार आपको कानूनी कार्रवाई में घसीट सकता हैं? दरअसल, कुछ स्थितियों में एक मजाक या जोक भी किसी को जेल तक पहुंचा सकता है। खासकर अगर वह किसी संवेदनशील मुद्दे, न्यायपालिका, धर्म, राष्ट्रवाद, या किसी व्यक्ति विशेष की मानहानि से जुड़ा हो। कुणाल कामरा इसका एक बड़ा उदाहरण हैं, जिनकी राजनीतिक मजाक ने उन्हें कानूनी विवादों में डाल दिया है।
क्या मजाक के लिए जेल हो सकती है?
भारत में कुछ कानून ऐसे हैं जो किसी व्यक्ति को उसके मजाक या व्यंग्य के कारण कानूनी कार्रवाई में घसीट सकते हैं, जैसे:
(BNS) की धारा 302- धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 302 है, जो जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, संकेत के जरिएअपमान करने पर लागू होती है।
BNS की धारा 356(2) (मानहानि)- अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचा कर मानहानि का अपराध करता है, तो उसे सजा के तौर पर साधारण कारावास, जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
BNS धारा 67 – IT एक्ट
अगर किसी मजाक या व्यंग्य में अश्लीलता या अपमानजनक सामग्री शामिल है और वह इंटरनेट पर साझा किया गया है, तो यह अपराध होगा। इसमें 3 से 5 साल तक की कैद और जुर्माना भी होता है। उदाहरण के लिए सोशल मीडिया पर किसी नेता, एक्टर या व्यक्ति का अपमानजनक मीम पोस्ट करना।
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हाल के कुछ मामले बताते है कि महज मजाक करने पर भारत के कई कॉमेडियन पर FIR दर्ज हुई है और जेल भी गए है।
समय रैना द लैटेंट शो (2025)
समय रैना और रणवीर अलाहाबादिया पर कई FIR दर्ज हुई थी क्योंकि रणवीर ने शौ के दौरान मजाक में अभद्र टिप्पणी की थी।
कुणाल कामरा(2025)
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कुणाल कामरा के खिलाफ केस दर्ज हुआ।
कुणाल कामरा (2020) – सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ ट्वीट
सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने पर अवमानना (Contempt of Court) का नोटिस मिला था।
मुन्नवर फारुकी (2021) – धार्मिक भावनाओं को ठेस
स्टैंड-अप कॉमेडियन मुन्नवर फारुकी को इंदौर में एक शो के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में जेल भेजा गया था।
वीर दास (2021) – 'टू इंडियाज' बयान
कॉमेडियन वीर दास के एक शो में भारत को लेकर दिए गए बयान पर देशद्रोह और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत दर्ज हुई थी।
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क्या हर मजाक पर केस हो सकता है?
अगर मजाक किसी की निजी भावनाओं को ठेस पहुंचाता है लेकिन इससे समाज में कोई अशांति नहीं होती, तो यह संवैधानिक अधिकार (Freedom of Speech) के तहत आता है। वहीं, अगर कोई मजाक जानबूझकर किसी को अपमानित करने, भड़काने, या अफवाह फैलाने के लिए किया गया है, तो यह कानूनी अपराध माना जा सकता है।
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