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जस्टिस यशवंत वर्मा केस: आरोपों की जांच करने वाले 3 सदस्य कौन हैं?

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभिगोय प्रस्ताव चलाने की मंजूरी स्पीकर ओम बिरला ने दी है। स्पीकर ने एक समिति का भी गठित किया है। पढ़ें खबर।

Justice Yashwant Varma

जस्टिस यशवंत वर्मा और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला। (Photo Credit: Khabargaon)

दिल्ली में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले कैश कांड का मुद्दा अब संसद तक पहुंच गया है। स्पीकर ओम बिरला ने महाभियोग प्रस्ताव चलाने की स्वीकृति दे दी है। उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान भी किया है। जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने वाली समिति में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और कानून विद बी वी आचार्य शामिल हैं।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने कुल 146 सांसदों ने हस्ताक्षर कर प्रस्ताव दिया था। रवि शंकर प्रसाद के भी हस्ताक्षर इस प्रस्ताव पर थे। प्रस्ताव में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के लिए मांग उठाई गई है। स्पीकर की 3 सदस्यीय समिति अब इसकी जांच करेगी। जांच समिति की रिपोर्ट आने तक महाभियोग प्रस्ताव लंबित रहेगा। 

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स्पीकर की कमेटी में शामिल होने वाले लोग कौन हैं?

  • जस्टिस अरविंद कुमार: सुप्रीम कोर्ट में जज हैं। बेंगलुरु की नेशनल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। पढ़ाई के दिनों में छात्र नेता रहे हैं। वह बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट एक्शन कमेटी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। साल 1987 में वकील के तौर पर नामांकित हुए थे। 1990 में हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। कर्नाटक में साल 1999 में एडिशनल सेंट्रल गर्वमेंट स्टैंडिंग काउंसिल बने।  साल 2002 में रीजनल डायरेक्ट टैक्सेज एडवाइजरी कमेटी के सदस्य भी केंद्र सरकार की ओर नामित हुए। साल 2005 में देश के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल बने। वह टैक्स, सीपीसी और अपराध से जुड़े मामले देखते हैं। 12 फरवरी 2023 से सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। 

    जस्टिस अरविंद कुमार।
  • जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव: मद्रास हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई बिलासपुर से हुई। उन्होंने उन्होंने सीएमडी कॉलेज, बिलासपुर से बीएससी और केआर लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के बोर्ड ऑफ स्टडीज और एकेडमिक काउंसिल के सदस्य भी रहे हैं। 5 अक्टूबर 1987 को मध्य प्रदेश बार काउंसिल, जबलपुर में अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर्ड हुए।

    रायगढ़ जिला कोर्ट, फिर हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने आयकर विभाग, रायपुर नगर निगम और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत संगठनों के लिए स्टैंडिंग काउंसल के रूप में कार्य किया। रोटरी इंटरनेशनल से भी जुड़े रहे। 31 जनवरी 2005 को सीनियर एडवोकेट नामित हुए और 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज बने। 18 अक्टूबर 2021 को राजस्थान हाईकोर्ट में उनका ट्रांसफर हुआ। 

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    जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव (दाएं) 

     

  • बीवी आचार्य: देश के मशहूर वकील हैं। उडुपी जिले के बेलपू गांव उनका जन्म हुआ है। 29 अगस्त 1957 से मैसूर हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की। साल 1972 में वह कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस के लिए गए। 1979 से 1982 तक कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे। मई 1989 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट नामित किया गया। दिसंबर 1989 से 2012 तक पांच बार कर्नाटक के एडवोकेट जनरल रहे। जनवरी 2009 में मंगलौर विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी।

    सीनियर एडवोकेट बीवी आचार्य।

    2010-2012 तक वे 19वें विधि आयोग के सदस्य रहे। 2014 में उनकी आत्मकथा ऑल फ्रॉम मेमोरी और 2021 में मेमॉयर ऑफ ए प्रॉसिक्यूटर प्रकाशित हुई। 2017 में बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने उन्हें लॉयर्स ऑफ इंडिया डे अवार्ड से सम्मानित किया। 2019 से वे इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स, कर्नाटक के अध्यक्ष हैं। 88 वर्ष की उम्र में भी वे कर्नाटक हाईकोर्ट में सक्रिय प्रैक्टिस कर रहे हैं।

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