दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बारे में शनिवार को एक ट्वीट किया। बाद में उन्होंने अपने ट्वीट को एडिट करके पोस्ट किया। अब उनके एडिटेड पोस्ट को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।
दरअसल, दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की खबर जब आई तो शुरू में वीके सक्सेना ने एक्स पर पोस्ट करके स्टेशन पर हुई भगदड़ में मौतों की बात स्वीकार की थी। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी।
हालांकि, कुछ ही देर में उन्होंने अपने ट्वीट में बदलाव करते हुए 'मौतों' की बात से इनकार कर दिया और भाषा को नरम करते हुए घटना को केवल दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
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विपक्षी दलों ने उपराज्यपाल को घेरा
उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा अपने ट्वीट में बदलाव को लेकर विपक्षी दलों ने उनपर हमला किया है। विपक्ष ने सक्सेना पर आपदा को कमतर आंकने की कोशिश करने का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी ने इसे जिम्मेदारी से बचने का प्रयास बताया।
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
आम आदमी पार्टी ने कहा, 'ये केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दिल्ली के LG वीके सक्सेना हैं। बीजेपी की केंद्र सरकार और इनके ऊपर दिल्ली के करोड़ों लोगों के सुरक्षा आदि की जिम्मेदारी है। अपनी जिम्मेदारी से भागने में ये कितने माहिर हैं, इसका सबूत इनका यह ट्वीट है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई दुखद घटना के बाद इन्होंने पहले अपने ट्वीट में भगदड़ और यात्रियों के मौत होने की बात स्वीकारी की। इसके बाद अपने आकाओं को बचाने के लिए इन्होंने अपना ट्वीट ही एडिट कर दिया और इसमें यात्रियों के मौत होने की बात ही हटा दी।'
नाकामी का शर्मनाक नमूना- आप
'आप' ने आगे कहा, '15 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और केंद्र सरकार-LG दुख जताना तो दूर, इसे स्वीकार तक नहीं कर रहे हैं। इनकी नाकामी का इससे शर्मनाक नमूना और कुछ नहीं हो सकता है।' वहीं, शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पहले ट्वीट में एडिट करने और अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी पर सवाल उठाया।