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'कुचलते चले गए लोग...', कुंभ की भगदड़ में बच निकले लोगों की आपबीती

महाकुंभ में अमृत स्नान के दिन भगदड़ मची और कई लोग मारे गए। हादसे में जिंदा बचे लोगों ने आपबीती सुनाई है। पढ़ें हादसे की पूरी कहानी।

Mahakumbh 2025

महाकुंभ में भगदड़ के बाद का नजारा। (Photo Credit: PTI)

प्रयागराज में मौनी अमावस्या के तिथि पर भीषण भगदड़ मची। भगदड़ के दौरान ऐसी अफरा-तफरी मची कि कई लोग मारे गए। कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं और जीवन-मौत से संघर्ष कर रहे हैं। महाकुंभ में मौनी अमावस्या की तिथि बेहद अहम है। अखाड़े आज अमृत स्नान करने वाले थे, तभी भीषण भीड़ की वजह से कई लोग मारे गए।
 
भगदड़ में जिंदा बचे लोगों ने अपनी आपबीती बताई है। कुछ लोगों ने कहा कि अचानक भीड़ हुई और लोग मारे जाने लगे। कई लोग एक-दूसरे के ऊपर पर चढ़कर जाने लगे। लोग मदद के लिए चिल्लाते रहे लेकिन उन्हें कुचलते चले गए। 

मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में करीब 10 करोड़ तीर्थयात्री आने वाले हैं। 144 साल बाद हो रहे महाकुंभ में देश-दुनिया से श्रद्धालु आए हैं। वहां मौजूद गवाहों का कहना है कि संगम पर भीड़ ज्यादा हो गई थी, लोगों को बता ही नहीं था कि कहां जाना है, इस भगदड़ मच गई।

कैसे अचानक मची भगदड़?
संगम में अमृत स्नान देखने आए राजकुमार बताते हैं, 'लोगों ने अचानक से धक्का-मुक्की शुरू कर दी। भगदड़ मची तो लोग आप पास खंभों से टकराने लगे। वे गिरने लगे। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ पता ही नहीं चला। लोग समझ ही नहीं पाए कि कहां जाना है।' 

'समझ ही नहीं पाए कि भगदड़ क्यों मची'
घटनास्थल पर ही मौजूद त्रिलोकी दत्त बताते हैं, 'हम लोग करीब 2.30 मिनट पर संगम तट पर पहुंचे थे। भीड़ को पता ही नहीं था कि कहां जाना था। लोगों के सिर पर भारी सामान था। लोहे के बड़े-बड़े कूड़ेदान रखे गए थे। अचानक पता नहीं क्या हुआ कि वहां लोग भागने लगे। सब सामान समेटने के चक्कर में गिर पड़े। भगदड़ मच गई।'

'आने जाने की राह होती तो जान बच जाती'
दिल्ली से कुंभ नहाने गए सोनू कुमार बताते हैं, 'अगर आने-जाने के लिए ज्यादा राहें होतीं तो शायद ऐसी भगदड़ नहीं मचती। बाहर निकलने की राह ही पूरी तरह से बंद थी। पुलिस बैरिकेडिंग थी, उसे क्रॉस करने से रोका जा रहा था। सड़कें जाम थीं तो लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिल पाया। 

बिना स्नान के वापस लौटे अखाड़ों के साधू-संत। (तस्वीर-PTI)

अपनों की तलाश में जुटे हैं लोग
भगदड़ के बाद ज्यादातर लोग अपनों की तलाश में जुटे हैं। किन घायलों को अस्पताल भेजा गया है, इसके बारे में भी कोई खबर नहीं है। लोग नहाने जा रहे थे, जब वापस लौटे तो स्ट्रेचर पर लदे लोग नजर आए। पुलिस और प्रशासन ने अभी तक मृतकों के आधिकारिक आंकड़ों पर कुछ नहीं कहा है।

अमृत स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे अखाड़े
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, 'जो घटना हुई उससे हम बहुत दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे। जनहित में हमने फैसला किया कि अखाड़े आज स्नान में भाग नहीं लेंगे। श्रद्धालु संगम घाट पहुंचना चाहते थे, इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए।'

अधिकारियों ने क्या कहा?
महाकुंभ में भगदड़ पर कुंभ मेला प्राधिकरण की अधिकारी अकांक्षा राणा ने कहा, 'संगम नोज पर बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कोई भी गंभीर नहीं है।'

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