15 अगस्त पर मीट बैन! एक सुर में क्यों बोलने लगे औवसी, ठाकरे और पवार?
देश
• NEW DELHI 13 Aug 2025, (अपडेटेड 13 Aug 2025, 1:29 PM IST)
महाराष्ट्र और तेलंगाना में कई शहरों में 15 अगस्त को मीट की दुकानें बंद रहेंगी। इसे लेकर प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया है। इस पर बवाल भी शुरू हो गया है।

आदित्य ठाकरे, अजित पवार और असदुद्दीन ओवैसी। (Photo Credit: PTI)
महाराष्ट्र में कई जगहों पर 15 और 20 अगस्त को मीट की दुकानें बंद रहेंगी। महाराष्ट्र के कई नगर निगमों ने मीट की दुकानें बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है। इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्ष तो सरकार को घेर ही रहा है लेकिन अब सरकार में भी इसे लेकर मतभेद मतभेद बढ़ता दिख रहा है। फडणवीस की सरकार में डिप्टी सीएम ने मीट की दुकानें बंद करे के फैसले को 'गलत' बताया है।
सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि तेलंगाना में भी कुछ जगहों पर मीट की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। इस फैसले को हैदराबाद से सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 'असंवैधानिक' और 'कठोर' भरा बताया है।
महाराष्ट्र में कई जगह मीट बैन
महाराष्ट्र की कई नगर निगमों ने 15 और 20 अगस्त को मीट की दुकानें बंद करने का आदेश दिया है। 15 अगस्त को 'जन्माष्टमी' और 20 अगस्त को जैन धर्म के 'पर्यूषण पर्व' के चलते यह आदेश दिया गया है।
इसे लेकर महाराष्ट्र की छत्रपति संभाजीनगर, कल्याण-डोंबीवली, मालेगांव और नागपुर नगर निगम ने आदेश जारी किया है। सबसे पहले कल्याण-डोंबीवली नगर निगम ने 15 अगस्त को मीट की दुकानें बंद रखने का आदेश जारी किया था। इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश दिया।
आदेश के मुताबिक, 15 और 20 अगस्त को इन शहरों में न सिर्फ मीट बेचने की दुकानें बंद रहेंगी, बल्कि सभी बूचड़खाने भी बंद रहेंगे।
यह भी पढ़ें-- SC में SIR पर बहस के बाद इतनी चर्चा में क्यों हैं योगेंद्र यादव?
सरकार में ही शुरू हुआ विरोध
महाराष्ट्र में कई नगर निगमों की ओर से जारी किए गए ऐसे आदेश के बाद सियासत शुरू हो गई है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।
अजित पवार ने कहा, 'इस तरह का प्रतिबंध लगाना गलत है। बड़े शहरों में कई जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं। अगर भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है तो लोग इस प्रतिबंध को एक दिन के लिए मान लेते हैं। लेकिन अगर आप महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भी ऐसे आदेश लागू करते हैं तो यह मुश्किल है।'
उन्होंने कहा, 'अगर यह प्रतिबंध आषाढ़ी एकादशी या महावीर जयंती पर होता तो समझ में आता है लेकिन जब ऐसा कोई अवसर ही नहीं है तो मीट की दुकानों को बंद रखने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?' उन्होंने कहा, 'यह हर व्यक्ति की अपनी पसंद है कि उसे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? किसी को भी यह फैसला थोपने का हक नहीं है। कुछ लोग शाकाहारी होते हैं और कुछ मांसाहारी। यह व्यक्ति की आदत, संस्कृति और भौगोलिक परिस्थितियों का हिस्सा होता है।'
#WATCH | Mumbai: On Kalyan-Dombivli Municipal Corporation reportedly ordered the closure of all slaughterhouses and meat shops on August 15, Shiv Sena (UBT) MLA Aaditya Thackeray says, "In our house, even on Navratri, our prasad has prawns, fish, because this is our tradition,… pic.twitter.com/ivxVhjHw2i
— ANI (@ANI) August 12, 2025
इस फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता दिवस पर हम क्या खाते हैं, यह हमारा अधिकार है, हमारी आजादी है। वे हमें यह नहीं बता सकते कि हमें क्या खाना चाहिए। हमारे घर में, नवरात्रि के दौरान भी, प्रसाद में झींगा और मछली होती है, क्योंकि यह हमारी परंपरा है। यह हमारा हिंदुत्व है। आप हमारे घरों में क्यों घुस रहे हैं?'
इससे पहले एनसीपी (एसपी) विधायक जितेंद्र अव्हाड ने कहा था कि वह 15 अगस्त को अपने घर पर 'मटन पार्टी' का आयोजन करेंगे।
यह भी पढ़ें-- आधार-वोटर ID कार्ड नागरिकता का सबूत क्यों नहीं? SIR पर SC ने बताया
बीजेपी ने क्या कहा?
एक ओर मीट बैन को लेकर बीजेपी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने इस फैसले का बचाव करते हुए 1988 के एक आदेश का हवाला दिया है।
बीजेपी का कहना है कि यह फैसला पहली बार नहीं लिया गया है। बीजेपी ने अपने बयान में कहा, 'महाराष्ट्र में कुछ नगर निगमों ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने क्षेत्र में बूचड़खानों और मीट की दुकानों को 24 घंटे के लिए बंद करने का आदेश दिया है। यह कोई नया फैसला नहीं है। यह 12 मई 1988 को लिया गया था। तब से यह चलन में है। हर साल कोई न कोई नगर निगम ऐसा फैसला लेता है।'
१५ ऑगस्ट रोजी कत्तलखाने आणि मासांहार विक्री दुकाने बंद ठेवण्याच्या निर्णयावर आक्षेप घेतले आहेत. आदित्यजी ठाकरे आणि जितेंद्रजी आव्हाड या निर्णयाला विरोध करत आहेत. पण हे करताना त्यांनी किमान इतिहास आठवायला हवा. कारण हा निर्णय ना आज घेतला, ना सध्याच्या सरकारचा आहे. प्रत्यक्षात हा… pic.twitter.com/H8uqZiGmQT
— Navnath Kamal Uttamrao Ban (@NavnathBanBJP) August 12, 2025
महाराष्ट्र बीजेपी के मीडिया सेल प्रभारी नवनाथ बान ने कहा, 'स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, महावीर जयंती और रामनवमी जैसे त्योहारों पर बूचड़खानों और मीट की दुकानों को बंद रखने का फैसला 1988 में तत्कालीन सरकार ने लिया था। तब से कुछ नगर निगम इसका पालन करते आ रहे हैं।' उन्होंने दावा किया कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब भी ऐसा फैसला लागू किया गया था। नागपुर नगर निगम ने 2021 और 2022 में मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें-- कौन हैं मिंता देवी, संसद में क्यों छाईं हैं इनकी तस्वीरें?
तेलंगाना में भी लगाया गया प्रतिबंध
सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि तेलंगाना में कुछ जगहों पर 15 और 16 अगस्त को मीट की दुकानें बंद करने का आदेश दिया गया है।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि देशभर के कई नगर निगमों ने 15 अगस्त को बूचड़खाने और मीट की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है। दुर्भाग्य से हैदराबाद नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश दिया है। यह कठोर और असंवैधानिक है।'
Many municipal corporations across India seemed to have ordered that slaughterhouses and meat shops should be closed on 15th August. Unfortunately, @GHMCOnline has also made a similar order. This is callous and unconstitutional.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 13, 2025
What’s the connection between eating meat and…
उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'मांस खाने और स्वतंत्रता दिवस मनाने के बीच क्या संबंध हैं? तेलंगाना के 99% लोग मांस खाते हैं। मांस खाने पर प्रतिबंध लगाने लोगों की स्वतंत्रतता, निजता, संस्कृति और धर्म के अधिकार का उल्लंघन है।'
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap