सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त की ओर से सजा सुनाई गई है। इसी सजा के मुताबिक, वह अकाल तख्त के बाहर पहरेदार के रूप में ड्यूटी दे रहे हैं। ड्यूटी के दूसरे दिन यानी बुधवार सुबह एक शख्स ने उनको गोली मारने की कोशिश की। आसपास मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया और गोली सुखबीर बादल को नहीं लगी। अकाली दल के नेताओं ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से तीखे सवाल पूछे हैं और मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स धीरे-धीरे सुखबीर बादल की ओर बढ़ता है और अचानक एक पिस्टल निकाल लेता है। इतना देखते ही पास में खड़ा शख्स उस पर लपकता है और पकड़ लेता है। हालांकि, इतनी देर में हमलावर गोली चला देता है। गनीमत यह रही कि गोली किसी को नहीं लगी। देखते ही देखते वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को दबोच लिया। हमला करने वाले शख्स की पहचान नारायण सिंह चौरा के तौर पर हुई है।
क्या बोली पुलिस?
इस घटना के बारे में एडीसीपी हरपाल सिंह ने कहा, 'सुरक्षा के पूरे इंतजाम थे। वहां सुरक्षा थी। आदमी ने शरारत करने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ। बाकी बातें थोड़ी देर बाद होंगी।'
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'सबसे पहले मैं गुरु राम दास जी महाराज को धन्यवाद देना चाहता हूं। जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय। सेवक अपनी सेवा दे रहे थे। गुरु राम दास द्वार पर सुखबीर सिंह बादल अपनी सेवा दे रहे थे। उन्हीं की ओर गोली मारी गई। यह बहुत बड़ी घटना है। पंजाब को किस ओर धकेल दिया गया है? मैं पंजाब के सीएम से पूछना चाहता हूं कि आप पंजाब को किस ओर ले जाना चाहते हैं? हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया गया है। इस मामले में उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। हम अपनी सेवा जारी रखेंगे।'
SGPC के चीफ हरजिंदर सिंह धामी ने इस बारे में कहा, 'मैं अंदर था, मुझे फोन पर सूचना मिली तब मैं आयाय़ हम इस घटना की जांच अपने सूत्रों से भी करेंगे। पुलिस की जांच में पूरी जानकारी सामने आएगी, हम इस पर पुलिस से भी बात करेंगे। मुझे लगता है कि हमलावर को पकड़ लिया गया है और पुलिस उसे ले गई है। गुरु राम दास ने सुखबीर सिंह बादल को बचा लिया है। हम सुरक्षा इंतजाम देख रहे हैं।'
क्यों सेवा दे रहे हैं सुखबीर सिंह बादल?
पंजाब के डिप्टी सीएम रहे सुखबीर सिंह बादल को राम रहीम को माफी दिलाने के मामले में दोषी पाया गया है। इसी केस में अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था। सुखबीर बादल के अलावा उनके साथ मंत्री रहे कई अन्य नेताओं को भी सजा सुनाई गई है। इन नेताओं को स्वर्ण मंदिर में लोगों के जूठे बर्तन धोने, जूते साफ करने, टॉयलेट साफ करने, पहरेदारी करने और कीर्तन सुनने की सजा सुनाई गई है।
इन सभी को दो-दो दिन पांचों तख्त में सेवा देनी होगी। आज इस सजा का दूसरा ही दिन था। गले में तख्ती डाले सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर के दरवाजे पर पहरा ही दे रहे थे कि उन पर हमले की कोशिश की गई। फिलहाल, वह सुरक्षित हैं और स्वर्ण मंदिर में छानबीन की जा रही है।