मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजधानी इंफाल में राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा। इस दौरान उनके साथ मणिपुर के बीजेपी अध्यक्ष ए शारदा, बीजेपी के उत्तर पूर्व राज्यों के प्रभारी और सांसद संबित पात्रा और 19 विधायक मौजूद रहे।
मणिपुर मई 2023 से ही जातीय हिंसा का दंश झेल रहा है। हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अबतक 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर विस्थापित होना पड़ा है। इसको देखते हुए बीरेन सिंह पर लगातार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव बन रहा था।
केंद्र सरकार का आभार जताया
बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं। उन्होंने समय पर कार्रवाई की, मदद की और विकास के काम किए। हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए कई परियोजनाएं भी चलाईं। मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह इसी तरह काम करती रहे।'
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बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद इंफाल में विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें विधायक दल का नया नेता चुना जाएगा। इसका साफ मतलब है कि मणिपुर को जल्द ही नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। बीरेन सिंह के इस्तीफे से मणिपुर की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है।
सुबह ही गृह मंत्री शाह से मुलाकात की थी
हालांकि, एन बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद शाम होते ही उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर उन्होंने इस्तीफा दिया। पिछले साल 31 दिसंबर को मणिपुर में हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जनता से माफी मांगी थी।
बीरेन सिंह पर राज्य में 21 महीने से जारी हिंसा के चलते काफी दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी लगातार केंद्र की मोदी सरकार से इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं।
कांग्रेस ने इस्तीफे पर क्या कहा?
वहीं, बीरेन सिंह के इस्तीफे पर कांग्रेस का बयान सामने आया है। पार्टी नेता उदित राज ने कहा, 'जब कांग्रेस सही समय पर बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रही थी, तब उन्हें नहीं हटाया गया। दो समुदायों के बीच हमेशा के लिए दरार पैदा हो गई है। इस सरकार को इतने लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए था। सब कुछ बर्बाद हो जाने के बाद सीएम को हटाना कोई मतलब नहीं रखता।'