logo

ट्रेंडिंग:

AAP-BJP की जंग का नया मैदान बना MCD, सदन में हंगामा, बाहर राजनीति जारी

दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद AAP और BJP के टकराव का नया मैदान अब एमसीडी बन गई है। हर दिन अलग-अलग तरह से आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जंग देखने को मिल रही है।

aap vs bjp

दिल्ली नगर निगम में नारेबाजी करते AAP और BJP के पार्षद, Photo Credit: Social Media

दिल्ली में 8 फरवरी के बाद से सत्ता की स्थिति बदल गई है। पिछले लगभग 12 साल से सत्ता के केंद्र में रही आम आदमी पार्टी (AAP) अब सत्ता से बाहर हो गई है और लंबे समय से विपक्ष में चल रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब सत्ता में आ गई है। केंद्र और राज्य में भले ही बीजेपी है लेकिन दिल्ली नगर निगम (MCD) में फिलहाल AAP का ही कब्जा है। समय के साथ AAP के पार्षदों की संख्या तेजी से कम हुई है और इसका नतीजा अब हाउस में भी दिखने लगा है। ऐलान के बावजूद AAP हाउस टैक्स माफ और हाफ करने जैसे प्रस्तावों को लागू नहीं करवा पाई है। सदन में बार-बार हंगामा हो रहा है और कई बार तो कागज फाड़कर फेंके जाने के मामले भी सामने आ चुके हैं। एक नया मामला मंगलवार को सामने आया जब भलस्वा लैंडफिल साइट पर हुए एक कार्यक्रम में मेयर महेश कुमार खिंची नहीं नजर आए। इस कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना, सीएम रेखा गुप्ता और एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार जैसे लोग मौजूद थे लेकिन मेयर, डिप्टी मेयर नजर नहीं आए।

 

रोचक बात यह है कि दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि अब वह एमसीडी में भी सरकार बना लेगी। विधानसभा चुनाव के पहले से ही AAP के कई पार्षद बीजेपी में जाते रहे हैं। दोनों तरफ के कई पार्षद अब विधायक भी बन गए हैं तो नंबर गेम पूरी तरह से बदल गया है। इसका असर अब हाउस में भी दिखने लगा है और AAP अब कमजोर नजर आ रही है। जो पार्षद सत्ता पक्ष की ओर हैं, वे भी बदलते समीकरणों के हिसाब से रुख बदल सकते हैं। ऐसे में AAP के लिए स्थिति और बदतर होने वाली है। शायद यही वजह भी है कि AAP ने 12 हजार कर्मचारियों को पक्का करने और हाउस टैक्स हाफ और माफ करने जैसे दांव भी चले लेकिन इन दावों को भी कानूनी रूप से अमली जामा पहनाना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है।

 

यह भी पढ़ें- अब हाउस टैक्स माफ करने पर तकरार! AAP के ऐलान को MCD ने नकारा


भलस्वा लैंडफिल साइट पर क्या हुआ?

 

मंगलवार को दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां खाली हुई जमीन पर बांस रोपण कार्यक्रम शुरू किया गया। यहां यह बता दें कि दिल्ली में कूड़े वाली लैंडफिल साइट्स का प्रबंधन एमसीडी के जिम्मे ही है। यह कार्यक्रम भी एमसीडी की ओर से ही आयोजित किया गया था। इसमें एमसीडी कमिश्नर, सीएम रेखा गुप्ता, एलजी वी के सक्सेना, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और सांसद योगेंद्र चंदोलिया मौजूद रहे। हालांकि, मेयर और डिप्टी मेयर इस कार्यक्रम से नदारद दिखे। इस कार्यक्रम में सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली AAP सरकार को जमकर कोसा और कहा कि बीजेपी काम करके दिखाती है।

 

 

इससे इतर, मेयर महेश कुमार खिंची और डिप्टी मेयर रविंदर भारद्वाज सोमवार को ही अपने कुछ साथियों के साथ इस जगह पर पहुंच गए थे और उन्होंने भी पौधरोपण की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की हैं। हालांकि, उनके साथ निगम के अधिकारी मौजूद नहीं थे। यह दिखाता है कि AAP और बीजेपी के टकराव की नई जगह अब एमसीडी है और कम से कम अप्रैल 2025 तक तो यही स्थिति बनी रह सकती है। अगर अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव में बीजेपी जीत हासिल करती है, तब शायद मेयर, सीएम और उपराज्यपाल एक साथ भी नजर आने लगें।

 

यह भी पढ़ें:  दिल्ली के हेल्थ मॉडल का सच, CAG रिपोर्ट में उजागर हो गईं खामियां

25 फरवरी को क्या हुआ?

 

AAP ने सदन बुलाया था और 12 हजार कर्मचारियों को पक्का करने और हाउस टैक्स माफ करने जैसे प्रस्ताव पेश किए। AAP का दावा है कि उसने ये प्रस्ताव पास भी कर दिए हैं। वहीं, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एमसीडी कमिश्नर से मांग की है कि वह 25 फरवरी को आयोजित सदन की कार्यवाही को रद्द करें और उसे अमान्य भी घोषित करें। BJP का आरोप है कि इस सदन के आयोजन में कोरम का पालन नहीं किया गया और न ही उस समय एमसीडी कमिश्नर अपनी सीट पर मौजूद थे जब प्रस्ताव पास करने की बात कही जा रही है।

 

 

दरअसल, सदन में हुआ यह था कि जब नेता सदन मुकेश कुमार गोयल प्रस्ताव पढ़ ही रहे थे तब कुछ बीजेपी पार्षद आए और मुकेश कुमार गोयल के हाथ से प्रस्ताव की कॉपी छीनकर फाड़ दी और हवा में उड़ा दी। उसी वक्त मेयर महेश कुमार खिंची ने कहा कि सदन में प्रस्ताव पास हुआ। बीजेपी पार्षद मेयर की कुर्सी तक भी पहुंच गए और वहां रखी चीजें फेंकने लगे। कुल मिलाकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। बाद में एमसीडी ने एक ट्वीट करके यह भी कहा कि हाउस टैक्स माफ करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि, अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने के फैसले पर कोई स्पष्टता नहीं है।

3 मार्च को क्या हुआ?

 

3 मार्च को एमसीडी में बजट पर चर्चा होनी थी। इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह को भाषण देना था। राजा इकबाल सिंह अपना भाषण पढ़ ही रहे थे कि AAP पार्षदों ने उनके हाथ से भाषण की कॉपी छीन ली और फाड़कर फेंक दी। इसके बाद मेयर महेश कुमार खिंची ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद वह सदन से चले भी गए लेकिन राजा इकबाल सिंह अपना भाषण पढ़ते रहे। इतना ही नहीं, इस दौरान अधिकारी और विपक्ष के पार्षद अपनी कुर्सियों पर बैठे रहे। इस दौरान AAP के पक्ष में पार्षदों की संख्या कम दिखी। यही वजह है कि अब राजा इकबाल सिंह कह रहे हैं कि अप्रैल महीने में जब मेयर का चुनाव होगा तो अगला मेयर BJP का ही बना।

Related Topic:#MCD

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap