मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात के कुछ दिन बाद ही मैतेई जाति के संगठन 'अरमबाई टेंगोल' के सदस्यों ने गुरुवार को अपने हथियार डाल दिए। इससे पहले मंगलवार को अरमबाई टेंगोल के नेताओं से राज्यपाल भल्ला से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि मैतेई अरमबाई टेंगोल के इस कदम से नाराज हैं।
दरअसल, 25 फरवरी को अरमबाई टेंगोल संगठन और अजय भल्ला के बीच यह बैठक मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हुई थी। मणिपुर के टॉप अधिकारियों के मुताबिक, इस बैठक में अरमबाई टेंगोल ने विशिष्ट नियमों और शर्तों के तहत हथियार सौंपने की संभावना पर भी चर्चा की।
राज्यपाल ने किया था अनुरोध
राज्यपाल ने कहा, 'मैं सभी समुदायों के लोगों, विशेष रूप से घाटी और पहाड़ियों के युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी मर्जी से आगे आएं और लूटे अवैध हथियारों, गोला-बारूद को आज से सात दिनों के अंदर निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षाबलों के शिविर में सरेंडर कर दें।'
हथियार डालने का अनुरोध किया था
बैठक के बाद, अरमबाई टेंगोल के रॉबिन मंगांग ने बताया कि राज्यपाल अजय भल्ला ने समूह से हथियार डालने का अनुरोध किया था। मांगांग ने आगे कहा कि अरमबाई टेंगोल ने राज्यपाल के सामने कुछ नियम और शर्तें रखी थीं। अगर राज्यपाल ने ये नियम और शर्तें मान लीं तो हम सभी हथियार सौंप देंगे।
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बैठक से विवाद
बैठक के बारे में रॉबिन मंगांग ने कहा, 'राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि कम समय में शांति बहाल की जाएगी और सरेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मणिपुर में सभी नेशनल हाईवे को पहले की तरह फिर से खोल दिया जाएगा।' हालांकि, राज्यपाल भल्ला और अरमबाई टेंगोल के बीच हुई इस महत्तवपूर्ण बैठक से विवाद हो गया है। कुकी संगठनों ने इसकी तीखी आलोचना की है।
बता दें कि मणिपुर में 23 मई 2023 को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा फैल गई थी। इस हिंसा में 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। हिंसा के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है।