पाकिस्तान के ऊपर ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को 19 पूर्व राज्य मंत्रियों से उनकी सुरक्षा वापस लेने का निर्देश दिया है। यह सभी नेता पूर्व में केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं। हालांकि, गृह मंत्रालय ने यह बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की सुरक्षा छह महीने के लिए बढ़ा दी है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय से उन पूर्व राज्य मंत्रियों और सांसदों की लिस्ट मांगी थी, जिन्हें अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी सुरक्षा कवर मिला हुआ है। दिल्ली पुलिस की सुरक्षा यूनिट ने सुरक्षा को लेकर ऑडिट किया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
लंबे समय से सुरक्षा समीक्षा नहीं की गई
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने इस बारे में कहा, 'ऑडिट से पता चला है कि कई वरिष्ठ नेता अपने कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सुरक्षा कवर का लाभ उठा रहे थे। कई मामलों में, लंबे समय से सुरक्षा समीक्षा नहीं की गई थी। ऑडिट के बाद, कई नेताओं से सुरक्षा कवर वापस ले लिया गया। हालांकि, समीक्षा में पाया गया कि कई पूर्व राज्य मंत्रियों को अब पद पर नहीं रहने के बावजूद सुरक्षा मिल रही है।'
इन नेताओं की हटेगी सुरक्षा
अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय को जो लिस्ट भेजी गई है, उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में पूर्व राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, पूर्व पंचायती राज मंत्री बीरेंद्र सिंह, पूर्व संचार राज्य मंत्री देवुसिंह जेसिंगभाई चौहान, पूर्व जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोर और पूर्व विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह शामिल हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'राज्यमंत्री के अलावा गृह मंत्रालय की लिस्ट में कुछ सांसद और जजों के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, कुछ जजों को दी गई सुरक्षा बरकरार रखी गई है।'
कैसे होती है समीक्षा?
मौजूदा नियमों के तहत, किसी व्यक्ति को पद या खतरे के आधार पर दी जाने वाली सुरक्षा की समीक्षा उसके कार्यकाल के पूरा होने पर की जाती है। अधिकारी ने कहा कि यह पाया गया कि ये समीक्षाएं लंबे समय से नहीं की गई थीं। मूल्यांकन पूरा करने के बाद, दिल्ली पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्रालय को अपनी सिफारिशें भेजी थीं। गृह मंत्रालय की ओर से अंतिम निर्णय कुछ सप्ताह पहले आया है।
अधिकारी ने आगे बताया कि नियमों के मुताबिक, पूर्व राज्य मंत्रियों के आवास पर अभी भी तीन निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और चार पुलिसकर्मी तैनात हैं। अधिकारी ने बताया कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह और राज्य मंत्री अजय भट्ट के नाम भी गृह मंत्रालय को भेजे गए थे लेकिन उनकी सुरक्षा बरकरार रखी गई है। इसके अलावा स्मृति ईरानी की सुरक्षा छह महीने के लिए और बढ़ा दी गई है।