मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य में एक लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में फिलहाल राष्ट्रपति शासन प्रभावी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य मुख्यालय में एक कार्यक्रम से इतर बोलते हुए सिंह ने उम्मीद जताई कि मणिपुर में बहुत जल्द ही नयी सरकार का गठन होगा।
तकरीबन दो साल से अशांत चल रहे मणिपुर में एक बार फिर से सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार बनाने के दावे पर बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह मुहर लगाई है। बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में एक लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए कोशिशें की जा रही हैं। राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है। मणिपुर के प्रदेश कार्यालय में एक कार्यक्रम के बाद इतर बोलते हुए बीरेन सिंह ने उम्मीद जताई कि मणिपुर में बहुत जल्द ही नई सरकार का गठन होगा।
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सरकार बनाने के लिए काम कर रहे
उन्होंने कहा, 'हम जल्द से जल्द सरकार बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं। जमीनी हालात को देखने के बाद मुझे विश्वास है कि जल्द ही सरकार बनेगी। बीजेपी और उसके सहयोगी दल भी एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं। हम लोकप्रिय सरकार की बहाली के लिए काम कर रहे हैं।'
मौजूदा संकट पर ध्यान दे रही बीजेपी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने (बीजेपी ने) किसी की आलोचना नहीं की है। हम केवल मौजूदा संकट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम राज्य में सौहार्दपूर्ण समाधान और शांति लाने के लिए केंद्र सरकार और संबंधित व्यक्तियों से संपर्क कर रहे हैं। इस बीच, हम लगातार विधायकों की बैठकों के साथ एक लोकप्रिय सरकार को बहाल करने के लिए भी काम कर रहे हैं।'
पूर्व सीएम ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार रात दिन प्रयास कर रही है। मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि अवैध आप्रवासियों और मादक पदार्थ के तस्करों ने पूरे पूर्वोत्तर के साथ-साथ पूरे देश को प्रभावित किया है।'
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चुनाव का समय नहीं- प्रदेश अध्यक्ष
इस बीच, बीजेपी की मणिपुर इकाई की अध्यक्ष ए शारदा देवी ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि अब चुनाव का समय नहीं है, बल्कि शांति पहल पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। उन्होंने मीडिया से कहा, 'लोग एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं। बीजेपी एक लोकप्रिय सरकार लाने की कोशिश कर रही है और लोगों की इच्छा को समझते हुए काम करेगी। अब चुनाव के लिए चर्चा करने का समय नहीं है, बल्कि शांति पहल की प्रक्रिया और प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने का समय है।' शारदा ने कहा, 'बीजेपी एकजुट है या नहीं, यह सवाल धीरे-धीरे पता चलेगा। धीरे-धीरे चलने वाली कोई चीज होती, उसी की जीत होती है।'
राज्य में 2023 से जारी है हिंसा
बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य में फैली जातीय हिंसा के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। मणिपुर राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 में पूरा होना था और इसे निलंबित कर दिया गया। राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच मई 2023 से हिंसा जारी है। इस हिंसा में 260 लोगों की हत्या कर दी गई जबकि हिंसा के दौरान हजारों लोग बेघर हो गए हैं।