महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक प्रवीण दटके ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। रात में हुई हिंसा के बाद मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे विधायक प्रवीण दटके ने कहा कि लोगों ने बार-बार पुलिस को फोन किया लेकिन वह तब आई जब सब हो गया। उन्होंने कहा कि पुलिस कल यहां के हिंदू लोगों के साथ नहीं थी। विधायक प्रवीण दटके का यह भी कहना है कि यह सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। इस हिंसा के बाद नागपुर के 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मियों के अलावा स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं।
दरअसल, महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सोमवार को कई जिलों में प्रदर्शन हुए। औरंगाबाद में औरंगजेब की कब्र है लेकिन नागपुर में भी प्रदर्शन आयोजित किए गए थे। नागपुर में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान अफवाह उड़ी कि कुछ लोगों ने धार्मिक ग्रंथ जला दिया है। इसी को लेकर दो समुदायों के लोग भिड़ गए। पुलिस पर भी पथराव किया गया जिससे 3 पुलिसकर्मी और 6 लोग घायल भी हो गए। स्थिति बिगड़ते देख कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। पुलिस ने अभी तक कम से कम 15 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
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विधायक प्रवीण दटके ने क्या कहा?
नागपुर सेंट्रल से बीजेपी के विधायक प्रवीण दटके ने कहा, 'मैं अभी सुबह यहां पहुंचा हूं। यह सब पहले से तय किया हुआ विषय है। विषय हुआ था, सुबह एक आंदोलन हुआ। उसके बाद गणेशपेठ पुलिस स्टेशन के पीछ हुआ और फिर वह शांत हुआ। अभी मैं यहां सुबह आया हूं। देख सकते हैं कि दो दुकान हिंदुओं की हैं, उनके बीच में मुस्लिमों की भी दुकान हैं लेकिन हिंदुओं की दुकान में तोड़फोड़ हुई और मुस्लिमों की दुकान में कुछ नहीं हुआ। वह ठेला दिख रहा है आपको, एक मुस्लिम भाई का है लेकिन उसको कुछ नहीं हुआ। उसके बगल में एक बूढ़ी मां का ठेला था, वह टूट गया। यह डॉ. बंधु क्लीनिक उसके घर तक, मंदिर तक, अंदर तक घुसे छोटी बच्ची है पांच साल की। सबसे पहले कैमरे टूटे। बाद में चुन-चुनकर हमले किए गए। यह सब साफ दिख रहा है कि पूरा वेल प्लांड था। मैंने सीपी साहब से अभी सुबह भी बात की है।'
उन्होंने आगे कहा, 'यह जगह बहुत संवेदनशील जगह है। अगर शहर में कुछ भी होता है तो 10-20 पुलिसवाले उस चौराहे पर खड़े रहते हैं। कल संजय सिंह नाम के एक पीआई हैं, उनको यहां के नागरिकों ने दो-दो घंटे पहले यानी 10 बजे फोन किए जबकि घटना 12-1 बजे हुई। उनका फोन बंद था, वह कहीं बिजी होंगे। ये जो मकान आगे दिख रहा है, वहां के सौरभ की मैंने सीपी से बात कराई। उसके आधे घंटे बाद पुलिस आई, तब तक सब खत्म हो गया था। ये जो दीदी हैं, वह रो रही थीं, बाद में इनका फोन आया कि अभी पुलिस आई है।'
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शिकायत के साथ चेतावनी दे गए विधायक
प्रवीण दटके ने आगे कहा, 'मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से भी इसके बारे में बात करूंगा। जिन्होंने भी यह घटना की है, उन सबके फोटो डीवीआर में हैं। हम यह सब कुछ पुलिस को देंगे। यहां सामने गीतांजलि स्क्वॉयर पर अवैध ट्रैवल का व्यवसाय चलता है। महानगर पालिका की जगह पर सर्विसिंग सेंटर खुले। गीतांजलि टॉकीज बंद थी, वहां अंदर सारा अतिक्रमण, एमडी सब चलता है। अगर ये सब बंद करना है तो पुलिस को कड़ा ऐक्शन लेना होगा। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पुलिस यहां के हिंदू नागरिकों के साथ कल नहीं थी। इसका कारण मुझे नहीं मालूम है। संजय सिंह जैसे पीआई जो नागरिकों की बात नहीं सुन सकते हैं। बाकी सारे मार्केट 10 बजे, 11 बजे बंद हो सकते हैं तो मोमिनपुरा का मार्केट भी बंद हो सकता है लेकिन पुलिस स्टेशन के साथ ही ये लोग मिले हैं। मैं सीपी साहब से मांग करता हूं कि वह खुद आकर बैठें और इन सभी नागरिकों से बात करें और कार्रवाई करें, अगर कार्रवाई नहीं होगी तो यहां के सभी हिंदुओं को भी अगला कदम उठाना होगा और वे मजबूर होंगे।'
विधायक ने साजिश के आरोप लगाते हुए कहा, 'इस रोड पर हर रोज मुस्लिम भाइयों की गाड़ी भी लगती है। पार्किंग होती है लेकिन कल कोई पार्किंग नहीं थी। यह सब कुछ प्लानिंग के तहत हुआ है। ऐसा आज दिख भी रहा है।'