नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर पर सोमवार को बुलडोजर चलाया गया। नगर निगम ने बुलडोजर चलाकर फहीम खान के घर के एक अवैध हिस्से को तोड़ दिया। दावा है कि बार-बार कहने के बाद भी फहीम खान ने घर में बने इस अवैध हिस्से को नहीं हटाया था, जिसके बाद बुलडोजकर चलाकर उसे तोड़ दिया।
नागपुर के अलग-अलग हिस्सों में 17 मार्च को हिंसा भड़की थी। इस हिंसा का मुख्य आरोपी फहीम खान है, जो माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) का मुखिया है। इस मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने इस मामले में फहीम खान को मुख्य आरोपी बनाया है। उसे 19 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था। फहीम खान फिलहाल जेल में बंद है।
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मगर घर पर बुलडोजर क्यों?
न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि कुछ दिन पहले ही नागपुर नगर निगम ने फहीम खान को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में उसे अवैध हिस्से को हटाने को कहा गया था। बताया जा रहा है कि घर बनाते समय कई बातों को नजरअंदाज किया गया। साथ ही बिल्डिंग प्लान की मंजूरी भी सही तरीके से नहीं ली गई थी। फहीम खान का यह घर यशोधरा नगर इलाके में संजय बाग कॉलोनी में स्थित है।
फहीम खान पर क्या हैं आरोप?
फहीम खान को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उस पर दंगा भड़काने का आरोप है। महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल ने बताया कि फहीम खान ने वीडियो एडिट करके सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिस कारण अलग-अलग हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी।
साइबर सेल के डीसीपी लोहित मतानीन ने बताया, फहीम खान ने औरंगजेब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के वीडियो को एडिट करके वायरल किया, जिससे दंगे भड़के। उन्होंने बताया कि फहीम ने हिंसक वीडियो को बढ़ा-चढ़ाकर वायरल किया।
पुलिस ने बताया कि इस हिंसा के बाद फहीम खान समेत 6 आरोपियों पर देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
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नागपुर में अब कैसे हैं हालात?
नागपुर में हिंसा के लगभग एक हफ्ते बाद हालात सामान्य हो गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को बताया था कि जिन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था, उसे हटा लिया गया है। नागपुर में हिंसा भड़कने के बाद 11 इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। नागपुर हिंसा के मामले में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नागपुर में क्यों भड़की थी हिंसा?
नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर 17 मार्च को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया था।
तभी इस प्रदर्शन में कुरान जलाए जाने की अफवाह फैली। इसके बाद 200 से 250 लोगों की भीड़ जुट गुई। भीड़ ने पत्थरबाजी की। गाड़ियों में आग लगाई और दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की। इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।