11 इलाकों में कर्फ्यू, 15 गिरफ्तार; नागपुर हिंसा में क्या-क्या हुआ?
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• NAGPUR 18 Mar 2025, (अपडेटेड 18 Mar 2025, 7:36 AM IST)
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान नागपुर में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में 3 पुलिसकर्मी और 6 लोग घायल हुए हैं। कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। पढ़ें इस हिंसा से जुड़ी हर अपडेट।

नागपुर में सोमवार रात भड़की थी हिंसा। (Photo Credit: PTI)
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर सोमवार को नागपुर में हिंसा भड़क गई। हिंसा एक अफवाह फैलने के बाद भड़की। अफवाह उड़ी कि कुछ लोगों ने धार्मिक ग्रंथ जला दिया है। इससे दो समुदाय आपस में भिड़ गए। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया, गाड़ियों में आग लगा दी, जिससे कई इलाकों में तनाव फैल गया। इस पथराव में 3 पुलिसकर्मी और 6 लोग घायल हुए हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पुलिस ने बताया कि हिंसा तब भड़की जब बजरंग दल के कार्यकर्ता महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के आगे प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान कुरान जलाने की अफवाह फैली, जिसके बाद दोनों समुदाय आपस में भिड़ गए और हिंसा भड़क गई। पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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नागपुर हिंसा में क्या-क्या हुआ?
- कहां भड़की हिंसा?: सबसे पहले शाम 7.30 बजे महाल इलाके के चिटनिस पार्क के पास हिंसा भड़की। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने बताया कि हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित यही इलाका है। यहां उपद्रवियों ने कुछ गाड़ियों में आग लगा दी। कुछ लोगों के घरों पर भी पत्थर फेंके गए। इसके बाद रात 10.30 से 11.30 के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई। भीड़ ने कई गाड़ियों को जला दिया। घरों और एक क्लीनिक में भी तोड़फोड़ की।
- हुआ क्या था?: पुलिस ने बताया कि महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी प्रतिमा के पास बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। बजरंग दल के लोग औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी प्रदर्शन के दौरान कुरान जलाने की अफवाह फैली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया गया। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग महाल इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोग जुटने लगे और हिंसा भड़क गई। हालांकि, बजरंग दल का दावा है कि औरंगजेब का पुतला जलाया गया था।
- हिंसा के बाद क्या हुआ?: नागपुर में भड़की हिंसा में 3 पुलिसकर्मी और 6 लोग घायल हुए हैं। घायलों में डीसीपी निकेतन कदम भी शामिल हैं। हिंसा को लेकर गणेशपेठ पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई है। वहीं, पुलिस ने हिंसा भड़काने के जुर्म में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हैं और कई इलाकों में भारी पुलिसबल तैनात है।
VIDEO | Visuals from Nagpur where violence erupted on Monday as stones were hurled at police. The city saw several incidents of stone-pelting and arson.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
(Source: Third Party)#NagpurViolence pic.twitter.com/sr37c1dxxE
नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू
हिंसा भड़कने के बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू की गई है। इसे पहले धारा 144 कहा जाता था।
यह कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपाओली, शांतिनगर, शक्करदारा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर में लागू किया गया है।
जारी आदेश के मुताबिक, कर्फ्यू के दौरान किसी भी व्यक्ति को बिना वजह घर से निकलने की इजाजत नहीं है। घर के अंदर भी 5 से ज्यादा लोगों का जमावड़ा नहीं होगा। हालांकि, मेडिकल या इमरजेंसी की स्थिति में घर से बाहर निकल सकते हैं। इसके अलावा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी, सरकारी कर्मचारी, एग्जाम देने जाने वाले छात्र, फायर ब्रिगेड और एसेंशियल सर्विसेस से जुड़े लोगों पर कर्फ्यू लागू नहीं होगा।
कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वाले को गिरफ्तार किया जा सकता है। दोषी पाए जाने पर BNS की धारा 223 के तहत 1 साल तक की जेल और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है।
VIDEO | Maharashtra: Tension gripped central Nagpur earlier today when stones were hurled at police amid rumours that the holy book of the Muslim community was burnt during an agitation by a right-wing body for the removal of Aurangzeb's tomb, leaving four persons injured.… pic.twitter.com/4HJHoDFtTi
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
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लोगों ने क्या बताया?
हंसपुरी इलाके में रहने वाले शरद गुप्ता ने PTI को बताया कि 'रात 10.30 से 11.30 के बीच भीड़ जुट गई थी। भीड़ ने उनके घर के बाहर खड़ी गाड़ी में भी आग लगा दी और पत्थरबाजी भी की।' उन्होंने बताया कि भीड़ ने उनके पड़ोस में एक दुकान में भी तोड़फोड़ की।
इसी इलाके में रहने वाले वंश कावले ने बताया, 'भीड़ में शामिल लोगों के चेहरे ढके हुए थे। उन्होंने CCTV कैमरे तोड़ दिए। कई घरों में घुसने की कोशिश भी की।'
यहीं पर चाय की दुकान चलाने वाले एक शख्स ने कहा, 'भीड़ बंधू क्लीनिक में घुस गई और वहां रखे टेबल और दवाइयां तोड़ दीं। बाहर निकलकर भीड़ ने क्लीनिक और चाय की दुकान में भी तोड़फोड़ की।'
#WATCH | Maharashtra: Morning visuals from the Mahal area of Nagpur, where a clash took place last night following a dispute between two groups. pic.twitter.com/U83N4nNULx
— ANI (@ANI) March 18, 2025
किसने क्या कहा?
हिंसा भड़कने पर राजनीति भी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'पुलिस उपद्रवियों से सख्ती से निपटेगी। नागपुर शांतिपूर्ण शहर है। लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। अफवाह पर भरोसा न करें।'
VIDEO | Nagpur Violence: Maharashtra CM Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) says, "Stones were pelted, and the police were attacked. This is very wrong, and I am monitoring the situation. I have directed the Police Commissioner to take strict action to maintain law and order and… pic.twitter.com/7ReuXD7ecP
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
नागपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शांति की अपील की। उन्होंने कहा, 'नागपुर का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है। मैं अपने सभी भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। अफवाह पर भरोसा न करें और सड़कों पर न उतरें।'
VIDEO | Union Minister Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) speaks on Nagpur violence. Tension gripped central Nagpur on Monday when stones were hurled at police amid rumours that the holy book of the Muslim community was burnt during an agitation by a right-wing body for the removal… pic.twitter.com/zZIfa7vjlm
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, 'शहर में तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की पूरी तरह से नाकामी है। पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे थे। ऐसा लगता है कि नागपुर में हिंसा भड़काने की कोशिशें कामयाब हो गईं हैं।'
AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने बीजेपी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'हम ऐसी हर हिंसा की निंदा करते हैं। महाराष्ट्र सरकार को जांच करनी चाहिए कि ऐसी हिंसा क्यों हुई? बीजेपी में कुछ लोग हैं, जो नफरत फैलाते रहते हैं। हम कहते रहे हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बीजेपी 400 साल पुराने औरंगजेब का मुद्दा उठाकर ध्यान भटका रही है।'
औरंगजेब की कब्र पर क्या है विवाद?
कुछ दिनों पहले विक्की कौशल की 'छावा' फिल्म आने के बाद से औरंगजेब का मुद्दा गरमाया हुआ है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कुछ दिन पहले औरंगजेब की कब्र हटाने की बात कही।
विवाद तब और बढ़ गया जब समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने औरंगजेब को अच्छा शासक बताया था। उन्होंने कहा था कि उनका मानना है कि औरंगजेब क्रूर नहीं था। उनका दावा था कि फिल्मों के जरिए औरंगजेब की गलत छवि पेश की जा रही है।
इसके बाद से ही औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग तेज हो गई है। एक दिन पहले ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने धमकी दी थी कि अगर औरंगजेब की कब्र सरकार नहीं हटाती है तो बाबरी जैसा हश्र होगा।
कहां है औरंगजेब की कब्र?
मुगल शासक औरंगजेब की मौत 1707 में अहिल्यानगर (तत्कालीन अहमदनगर) में हुई थी। इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब चाहते थे कि उनकी कब्र उनके गुरु सैयद जैनुद्दीन शिराजी की कब्र के बगल में हो। इसलिए औरंगजेब की मौत के बाद उसके बेटे आजम शाह ने खुल्दाबाद में उसकी कब्र बनवाई थी। खुल्दाबाद शहर छत्रपति संभाजी नगर (पहले औरंगाबाद) से 25 किलोमीटर दूर है।
इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब ने अपनी वसीयत में कहा था कि उसकी कब्र उसके कमाए पैसों से ही बनवाई जाए। माना जाता है कि उस समय इस कब्र के निर्माण में 14 रुपये 12 आने की लागत आई थी। पहले इस कब्र को मिट्टी से बनाया गया था लेकिन अंग्रेजों ने इस पर संगमरमर चढ़वा दिया। औरंगजेब की कब्र के बगल में ही उसके बेटे आजम शाह की भी कब्र है।
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