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एक झटके में बंद हो जाएंगे बेटिंग ऐप्स! सरकार के नए बिल में क्या है?

ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले खेलों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार कानून लाने जा रही है। इसके बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस बिल में क्या-क्या होगा? जानते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने के लिए सरकार आखिरकार कानून लाने जा रही है। इसे लेकर लाए गए बिल को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस बिल को बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा। यह पैसे देकर खेलने वाले गेम्स पर प्रतिबंध लगाता है। इसके बाद पैसे वाले ऑनलाइन गेम खिलाना और इनका विज्ञापन करना अपराध माना जाएगा। इसे 'द प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल' नाम दिया गया है। हालांकि, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स पर यह कानून लागू नहीं होगा।

 

इस बिल के तहत ऑनलाइन गेमिंग को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा- ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स का है, जिसमें कैंडी क्रश और दूसरी तरह के ऑनलाइन गेम्स आते हैं। दूसरा हिस्सा- रियल मनी गेम्स हैं, जिसमें फैंटेसी स्पोर्ट्स और रमी-पोकर जैसे गेम्स शामिल हैं।

 

ऑनलाइन मनी गेम्स क्या होंगे? बिल में इसकी परिभाषा भी दी गई है। इसके मुताबिक, ऑनलाइन खेले जाने वाला ऐसा कोई भी गेम जिसमें यूजर पैसा देता है या फिर दांव लगाकर पैसा जीतने की उम्मीद में खेलता है, उसे ऑनलाइन मनी गेम्स माना जाएगा।

 

हालांकि, रेगुलेटरी अथॉरिटी के पास यह तय करने का अधिकार होगा कि कोई खेल ऑनलाइन गेम या ऑनलाइन गेम है या नहीं।

 

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क्यों लाया जा रहा है यह बिल?

यह बिल इसलिए लाया जा रहा है, क्योंकि ऑनलाइन मनी गेम खेलने वालों के साथ मेंटल हेल्थ की समस्याएं सामने आ रहीं हैं।

 

जून में मद्रास हाई कोर्ट ने प्ले गेम्स 24X7, हेड डिजिटल वर्क्स और जंगली गेम्स जैसे मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म की याचिका खारिज कर दी थी। इन्होंने तमिलनाडु सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी थी। तमिलनाडु सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने कहा था कि रियल मनी से जुड़े ऑनलाइन गेम लोगों की मेंटल और फिजिकल हेल्थ को खराब कर रहे हैं। कुछ लोग आत्महत्या जैसे कदम भी उठा रहे हैं।

 

न्यूज एजेंसी PTI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और साइबर क्राइम के लिए हो रहा है।

 

इसके अलावा, फिलहाल सट्टेबाजी या जुए वाले गेम को रेगुलेट करने के लिए कोई केंद्रीय कानून नहीं है। कोई कानून नहीं होने के कारण कई कंपनियां प्रतिबंध से बचने के लिए खुद को 'स्किल का खेल' बताती हैं।

 

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बिल कानून बना तो क्या होगा?

इस कानून के दायरे में वह सभी मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स आएंगे, जहां कोई व्यक्ति पैसे या दांव लगाता है और जीतने पर पैसे या इनाम की उम्मीद करता है। इसमें ड्रीम 11, माय 11 सर्कल जैसी कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं।

  • गेमिंग प्लेटफॉर्म: बिल अगर कानून बना तो पैसे वाले गेम ऑनलाइन खिलाने वाले व्यक्ति को 3 साल की जेल या 1 करोड़ का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। बार-बार अपराध करने पर 3-5 साल की जेल और 2 करोड़ के जुर्माने का प्रावधान है।
  • विज्ञापन देने पर: अगर कोई भी कंपनी या व्यक्ति मनी गेम वाले प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करता है तो दोषी पाए जाने पर 2 साल की जेल या 50 लाख का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
  • ट्रांजैक्शन पर: ऐसे बैंक या वित्तीय संस्थान भी इसके दायरे में आएंगे, जो रियल मनी गेमिंग से जुड़ा ट्रांजैक्शन करता है। ऐसे मामलों में 3 साल की जेल या 1 करोड़ का जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है।

और खेलने वालों का क्या?

यह बिल रियल मनी गेमिंग वाले प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाता है। बिल अगर कानून बना और उसके बाद भी ऐसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म चले तो यह अपराध माना जाएगा।

 

हालांकि, गेम खेलने वालों को इससे बाहर रखा गया है। अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम खेलता भी है तो उसे अपराधी नहीं माना जाएगा। गेम खेलने वालों को अपराधी नहीं बल्कि 'पीड़ित' माना जाएगा।

 

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लगाम कैसे लगाई जाएगी?

यह बिल ऑनलाइन मनी गेमिंग वाले प्लेटफॉर्म्स पर नकेल कसने के लिए लाया जा रहा है। इसके तहत, एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाएगी। ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को यहां रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यही अथॉरिटी तय करेगी कि कोई गेम मनी गेमिंग है या नहीं।

इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?

अभी यह साफ नहीं है कि इस बिल के दायरे में ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल जैसी कंपनियां आएंगी या नहीं? क्योंकि यहां पर मामला 'स्किल' और 'चांस' का आ जाता है।

 

ड्रीम 11 और माय 11 सर्कल जैसे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स भले ही पैसा लगाते हैं और पैसा जीतते हैं लेकिन इसे 'चांस' की बजाय 'स्किल' वाला गेम कहा जाता है। सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि फैंटेसी स्पोर्ट्स 'स्किल' का गेम है, न कि 'चांस' का।

 

फिर भी अगर बिल के दायरे में फैंटेसी स्पोर्ट्स वाली कंपनियां भी आती हैं तो यह इनके लिए बड़ा झटका होगा। भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार बहुत बड़ा है। अनुमान है कि 2024 में इन गेमिंग कंपनियों ने 24 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया था।

 

इतना ही नहीं, इस सेक्टर में 2 लाख से ज्यादा लोग नौकरियां करते हैं। इससे सरकार को भी सालाना 20 हजार करोड़ रुपये का GST मिलता है।

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