logo

ट्रेंडिंग:

प्रदूषण को कंट्रोल करने वाले NCAP फंड को दिल्ली ने क्यों यूज नहीं किया

वायु प्रदूषण को कम करने के लिए यूज़ किए जाने वाले NCAP का दिल्ली ने एक तिहाई ही यूज़ किया है।

Pollution in Delhi : PTI

दिल्ली में प्रदूषण की तस्वीर । पीटीआई

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की मार जारी है। प्रदूषण को कम करने के बहुत से तरीके सुझाए जा रहे हैं, पर इन सबके बीच महत्त्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली एनसीआर सहित देश के तमाम बड़े शहरों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए जो राशि NCAP द्वारा दी गई थी, उसे पूरी तरह के खर्च करने की बात तो दूर, उसका सिर्फ 10 से 15 फीसदी ही खर्च किया गया है। ऐसे में यह सवाल ज़रूर उठता है कि आखिर यह राशि क्यों नहीं खर्च की गई और जहां पर खर्च की गई वहां पर प्रदूषण की क्या स्थिति है?

दिल्ली-एनसीआर का क्या है हाल

एनसीएपी के तहत फंड का यूज़ करने वाले शहरों की लिस्ट में दिल्ली नीचे से पांच शहरों में शुमार है. दिल्ली ने इसको आवंटित किए गए कुल धनराशि राशि का सिर्फ 32 प्रतिशत ही यूज़ किया है। दिल्ली को 38.22 करोड़ की राशि दी गई थी, जिसमें से उसने सिर्फ 10.77 करोड़ रुपये को ही खर्च किया है।

 

ऐसे नोएडा की बात करें तो नोएडा को आज तक करीब 30 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी लेकिन उसने सिर्फ 3 प्रतिशत ही उपयोग किया है। ऐसे ही ग़ाज़ियाबाद ने 89 प्रतिशत, फरीदाबाद ने 39 प्रतिशत फंड को यूज़ किया है।

ये हैं टॉप शहर

फंड को यूज़ करने के मामले में टॉप शहर है अमृतसर, झांसी, पुणे, और नवी मुंबई. अमृतसर ने कुल फंड का 99 प्रतिशत, पुणे ने 96 प्रतिशत, और नवी मुंबई ने  82 प्रतिशत फंड को यूज़ किया है।

क्या है फंड का उपयोग करने वाले शहरों की स्थिति

ये  बात ठीक है कि उन शहरों की स्थिति दिल्ली-एनसीआर जितनी खराब तो नहीं है लेकिन यह भी सही है कि इन शहरों में भी वायु प्रदूषण हानिकारक स्तर तक है। बात अमृतसर की करें तो पिछले हफ्ते यहां एक्यूआई 250 से 300 के बीच पाया गया. नवंबर की शुरुआत में तो यह स्तर 400 के करीब था।

 

इसी तरह से पुणे की बात करें तो महाराष्ट्र पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डेटा के मुताबिक यहां भी वायु प्रदूषण इस महीने खतरनाक स्थिति में ही रहा। रेस्पाइरर लिविंग साइंस प्राइवेट लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल में पुणें में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।

 

इसी तरह से इस महीने देखा जाए तो नवी मुंबई में भी प्रदूषण का स्तर खराब से मॉडरेट स्तर पर रहा, लेकिन दिल्ली-एनसीआर की तुलना में अगर देखा जाए तो यहां पर प्रदूषण का स्तर कम ही है।

 

डेटा के मुताबिक इन शहरों में एक्यूआई भले ही 50 के नीचे न रहा हो, लेकिन कुछ समयावधि को छोड़कर यह 100 से 150 के बीच रहा।

 

क्या है NCAP

NCAP यानी कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम साल 2019 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक प्रोग्राम है जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाना है। इस प्रोग्राम के मुताबिक 2024 तक साल 2017 के स्तर से PM10  और PM2.5 के स्तर में 20 से 30 फीसदी तक कमी लाना है।

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap