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अकेली नहीं है निक्की? दहेज के लालच में हर दिन मर रही 18 महिलाएं!

ग्रेटर नोएडा की निक्की की हत्या का मामला गहराता जा रहा है। आरोप है कि दहेज के लालच में ससुराल वालों ने निक्की की हत्या कर दी। ऐसे में जानते हैं कि दहेज हत्या पर क्या है कानून? और दहेज के लालच में कितनी हत्याएं होती हैं?

nikki murder case

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में 26 साल की निक्की की हत्या का आरोप उसके पति और ससुराल वालों पर लगा है। पुलिस ने निक्की के पति विपिन भाटी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस ने निक्की के जेठ रोहित और सास दयावती और ससुर को भी गिरफ्तार कर लिया है। 

 

इस मामले में निक्की के पति विपिन, भाई, मां और पिता को आरोपी बनाया गया है। चारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। निक्की को उसके पति विपिन भाटी और ससुराल वालों ने गुरुवार रात ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव स्थित उसके घर में कथित तौर पर पीटा और फिर आग लगा दी।

 

निक्की और उसकी बड़ी बहन कंचन दोनों की शादी एक ही परिवार में हुई थी। कंचन ने एक वीडियो बनाया था, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वीडियो में दिखाई दे रहा है कि विपिन, निक्की को बाल पकड़कर घसीट रहा है जबकि दूसरे वीडियो में आग की लपटों में निक्की सीढ़ियों से नीचे उतरते और फिर गिरते हुई दिख रही है।

 

निक्की का पति विपिन भाटी।

 

क्या है पूरा मामला? 4 पॉइंट में समझें

  1. 2016 में शादी: निक्की के पिता भिखारी सिंह ने बताया कि 2016 में उनकी बेटी निक्की की शादी विपिन और कंचन की शादी रोहित से हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही दोनों को प्रताड़ित किया जा रहा था।
  2. दहेज के लिए प्रताड़ित: निक्की के परिवार का कहना है कि शादी के पहले ही एक स्कॉर्पियो, एक बाइक और सोने की ज्वैलरी दी थीं। बाद में विपिन का परिवार 36 लाख रुपये नकद और एक लग्जरी कार की मांग भी करने लगा था।
  3. आग लगाकर जला दिया: निक्की की बहन कंचन ने बताया कि 21 अगस्त को विपिन के परिवार वालों ने ज्वलशील पदार्थ डालकर निक्की को जला दिया था। पुलिस ने बताया कि अस्पताल ले जाते वक्त निक्की की मौत हो गई।
  4. पति, जेठ, सास-ससुर अरेस्ट: शनिवार को विपिन को गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को उसने पुलिस से भागने की कोशिश की, जिसके बाद एनकाउंटर में उसे पैर में गोली मार दी गई। रविवार को निक्की की सास दयावती और सोमवार को जेठ रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया। ससुर को भी अरेस्ट कर लिया गया है।

यह भी पढ़ें-- निक्की मर्डर केस: दहेज हत्या के इस मामले पर हंगामा क्यों, पूरी कहानी

 

ससुर, सास और जेठ को गिरफ्तार कर लिया गया है।

लेकिन निक्की अकेली नहीं...!

निक्की के एक रिश्तेदार ने बताया कि एक साल से विपिन कह रहा था कि या तो मर्सिडीज दो या 60 लाख रुपये दे दो। ग्रेटर नोएडा की 26 साल की निक्की अकेली नहीं है, जिसे दहेज के लिए मार दिया गया हो। हालांकि, आरोपी पति विपिन का कहना है कि वह अपने आप मर गई। 

 

ग्रेटर नोएडा की निक्की अकेली नहीं है, जिसे दहेज के लिए मार दिया गया हो। निक्की जैसी हजारों लड़कियों को हर साल दहेज के लिए मार दिया जाता है। 

 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के दहेज हत्या को लेकर 2022 तक के ही आंकड़े मौजूद हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि 5 साल में दहेज हत्या में कमी जरूर आई है लेकिन अब भी हजारों महिलाओं को मार दिया जाता है। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 की तुलना में 2022 में दहेज हत्या के मामलों में 10% की कमी आई है। 2018 में दहेज के लिए 7,277 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी। 2022 में दहेज की मांग के चलते 6,516 महिलाओं को मार दिया गया। इस हिसाब से हर दिन औसतन 18 महिलाओं की हत्या दहेज के लिए कर दी गई। 

 

यह भी पढ़ें-- 'स्कॉर्पियो और बुलेट दी, तब भी बेटी को मार डाला', बोले निक्की के पिता

दहेज को लेकर कानून क्या हैं?

दहेज लेना और देना, दोनों ही कानूनन अपराध है। कानूनन जब किसी महिला की मौत शादी के 7 साल के भीतर किसी चोट, जलने या असामान्य परिस्थितियों में हो जाती है और पता चलता है कि मौत से पहले उसके पति या रिश्तेदार ने उसे प्रताड़ित किया था तो इसे दहेज हत्या माना जाता है।

  • दहेज प्रतिषेध कानून, 1961: दहेज लेना या देना, दोनों ही अपराध माना जाता है। दोषी पाए जाने पर 5 साल की जेल और 15 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। इस कानून के तहत, अगर सास-ससुर या कोई रिश्तेदार दहेज की मांग करता है तो 6 महीने की कैद और 10 हजार जुर्माने का प्रावधान है। 2022 में इसके 13,479 केस दर्ज हुए थे।
  • भारतीय न्याय संहिता: BNS की धारा 80 के तहत शादी के 7 साल के भीतर किसी महिला की मौत असमान्य परिस्थिति में होने पर दहेज हत्या माना जाएगा। दोषी पाए जाने पर पति और ससुराल वालों को 7 साल की की जेल हो सकती है, जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है। 2022 में इसके 6,450 मामले दर्ज किए गए थे। 
  • धारा 498A: IPC में धारा 498A थी, लेकिन भारतीय न्याय संहिता (BNS) में धारा 85 में इसे जोड़ा गया है, जो महिला को पति या उसके रिश्तेदारों की क्रूरता से बचाती है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर 3 साल की कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। 2022 में इसके 1.40 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे।
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