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संसद में क्यों हुआ मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी का ज़िक्र?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी पर परिवार और वंशवाद की मदद के लिए संविधान में संशोधन करने का आरोप लगाया।

Constitution debate

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। Source- Rajya sabha

भारत के संविधान को इस साल 75वां साल पूरा होने जा रहा है। इस सुनहरे मौके पर देश की संसद में संविधान पर बहस चल रही है। राज्यसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी और अभिनेता बलराज साहनी को याद किया।   

सीतारमण ने संसद में कहा, 'मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को साल 1949 में जेल भेजा गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान, मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई एक कविता सुनाई इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। सुल्तानपुरी ने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था और उन्हें जेल जाना पड़ा।'

वित्त मंत्री का कांग्रेस पर हमला

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई राजनीतिक जीवनी 'नेहर' पर बैन लगा दिया गया था। उन्होंने 'किस्सा कुर्सी का' नाम की एक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे।'

संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा

उन्होंने आगे कहा, 'दूसरे विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश आजाद हो गए थे और उनका अपना संविधान लिखा हुआ था। लेकिन कई देशों ने अपने संविधानों को बदल दिया, न केवल उनमें संशोधन किया बल्कि सचमुच अपने संविधान की पूरी विशेषता पर बदल दिया। लेकिन हमारा संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है, बेशक, बहुत से संशोधनों के बावजूद भी इसमें बदलाव किए गए हैं।'

'साल 1950 में सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका 'क्रॉस रोड्स' और आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका 'ऑर्गनाइज़र' के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन जवाब में, (तत्कालीन) अंतरिम सरकार ने सोचा कि पहले संविधान संशोधन की आवश्यकता है। यह संशोधन कांग्रेस लेकर आई थी और यह अनिवार्य रूप से स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए था। इसलिए भारत एक लोकतांत्रिक देश है जो आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है।'

वंशवाद की मदद 

निर्मला सीतारमण कहा कि कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे, इस प्रक्रिया का इस्तेमाल परिवार को मजबूत करने के लिए किया गया।

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