भारत में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Ola Electric को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। देशभर में उसके शोरूम पर परिवहन विभाग ने छापेमारी की है। ब्लूमबर्गर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के 3,400 से ज्यादा शोरूमों में से केवल 100 के पास ही मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। इसका मतलब यह है कि 95% से अधिक शोरूम बिना जरूरी सर्टिफिकेट के स्कूटर्स की बिक्री कर रहे थे।
परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई
इसे देखते हुए, देश के कई राज्यों में परिवहन विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू की। कई शोरूमों को सील कर दिया गया, जबकि बिना रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों को जब्त कर लिया गया। इसके अलावा, Ola Electric को कारण बताओ नोटिस (Show-cause Notice) भी जारी किया गया है, जिसमें यह पूछा गया है कि आखिर उसने नियमों का पालन क्यों नहीं किया।
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Ola Electric का बचाव
कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है। Ola Electric ने कहा, 'हम पूरी तरह से मोटर ‘व्हीकल्स एक्ट’ के नियमों का पालन कर रहे हैं। जांच में जो निष्कर्ष निकाले गए हैं, वे गलत और पक्षपाती हैं।' कंपनी का दावा है कि उसके सभी सेंटर और गोदाम के पास सभी जरूरी लाइसेंस मौजूद हैं।
शेयरों में भारी गिरावट
इस विवाद के चलते Ola Electric के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई (BSE) पर कंपनी के शेयर 4% गिरकर 54.11 रुपए तक पहुंच गए। यह शेयर के 52-सप्ताह के सबसे निचले स्तर 53.71 रुपए के बहुत करीब है, जो 3 मार्च को दर्ज किया गया था।
साल 2025 में अब तक कंपनी के शेयरों में 36% की गिरावट आ चुकी है। अगस्त में जब Ola Electric के शेयर लिस्टिंग हुई थी, तब के मुकाबले अब यह 60% नीचे आ चुका है। ऐसे में कंपनी को हाल ही में वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। Ola Electric के सीईओ भाविश अग्रवाल ने पिछले महीने कहा था कि कंपनी को हर महीने 50,000 यूनिट्स बेचनी होंगी, तभी यह मुनाफे के करीब पहुंच सकती है।
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हालांकि, फरवरी में कंपनी की बिक्री सिर्फ 25,000 यूनिट रही, जो लक्ष्य का 50% था। इसी के चलते, कंपनी ने 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बनाई है। यह कदम लागत में कटौती और घाटे को संभालने के लिए उठाया जा रहा है।