ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया है। इस अभियान का मकसद ईरान में फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित वापस लाना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, उत्तरी ईरान से 110 छात्रों को निकाला गया है। इन छात्रों को आर्मेनिया भेजा गया, जहां से वे विशेष फ्लाइट के जरिए नई दिल्ली लौट रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'भारत ने ईरान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया। 17 जून को उत्तरी ईरान से 110 छात्रों को ईरान और आर्मेनिया में हमारे दूतावासों की देखरेख में आर्मेनिया पहुंचाया गया। वे येरेवन से विशेष फ्लाइट से रवाना हुए और 19 जून 2025 की सुबह नई दिल्ली पहुंचेंगे।'
रवाना हो चुकी फ्लाइट
ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से आधे छात्र हैं। इनमें से कई छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं और मेडिकल तथा अन्य प्रोफेशनल कोर्स कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि पहली फ्लाइट येरेवन के ज्वार्टनॉट्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हो चुकी है। यह फ्लाइट 19 जून की सुबह भारत पहुंचेगी।
यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों से अपने नागरिकों को निकालने के लिए विशेष अभियान शुरू किया हो। इससे पहले 2023 में, इजरायल और हमास के बीच युद्ध के दौरान भारत ने 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया था। इस अभियान के तहत इजरायल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया था।
इसी तरह, 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने 'ऑपरेशन गंगा' शुरू किया था। इस अभियान के जरिए यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाया गया। इन अभियानों से साबित होता है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को कितनी गंभीरता से लेती है।
सभी जरूरी इंतजाम
ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत सरकार ने तेजी से कदम उठाए। ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आर्मेनिया में भारतीय मिशन ने भी उनकी मदद की। छात्रों को सीमा पार करने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए।
छात्रों के परिवार वालों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। जम्मू-कश्मीर के एक अभिभावक ने कहा, 'हम बहुत चिंतित थे, लेकिन सरकार ने हमारे बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया। हम इसके लिए सरकार के आभारी हैं।'
स्थिति पर पूरी नजर
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह ईरान में बाकी भारतीय नागरिकों की स्थिति पर नजर रखे हुए है। जरूरत पड़ने पर और भी कदम उठाए जाएंगे। ऑपरेशन सिंधु भारत की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए है।
इस अभियान से छात्रों को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है। सरकार ने सभी भारतीयों से अपील की है कि वे विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें।