भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव को कम करने के लिए सोमवार को दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) ने बात की। इस बातचीत में दोनों देशों ने सीमा पर तैनात सैनिकों की संख्या घटाने पर विचार करने पर सहमति जताई। हॉटलाइन पर हुई बातचीत में दोनों देशों के DGMO ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों तरफ से 'एक भी गोली' नहीं चलनी चाहिए और न ही एक-दूसरे के खिलाफ कोई 'कार्रवाई' शुरू होनी चाहिए।
दोनों देशों के DGMO के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच तीन दिन में दूसरी बातचीत थी। इससे पहले 10 मई को दोनों के बीच बात हुई थी। तब पाकिस्तान के DGMO ने कॉल कर 'सीजफायर' करने का अनुरोध किया था। इसके बाद 4 दिन से चल रही तनातनी खत्म हो गई थी। हालांकि, पाकिस्तान की सेना की तरफ से अब भी सीजफायर तोड़ा जा रहा है। 10 मई को सीजफायर के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन अटैक करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन भेजे गए थे, जिसे भारतीय सेना ने मार गिराया था।
यह भी पढ़ें-- पीएम मोदी के संबोधन पर क्या कह रहे हैं पाकिस्तान के नेता?
भारतीय सेना ने क्या बताया?
भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर बताया, 'आज शाम 5 बजे दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई। इस दौरान इस बात पर चर्चा की गई कि दोनों पक्षों में से किसी भी तरफ से एक भी गोली नहीं चलनी चाहिए और न ही एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।'
आर्मी ने बयान में बताया, 'इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों पक्ष बॉर्डर और फॉरवर्ड लोकेशन से सैनिकों की संख्या कम करने पर विचार करेंगे।'
दोनों देशों के बीच पहले सोमवार को 12 बजे बात होनी थी। हालांकि, बाद में शाम 5 बजे हॉटलाइन के जरिए यह बातचीत हुई।
यह भी पढ़ें-- अमेरिका की धमकी और इंदिरा गांधी की जिद, 1971 की जंग की कहानी
सांबा और जालंधर में दिखाई दिए थे ड्रोन
शाम को हुई इस बातचीत और पीएम मोदी के संबोधन के बाद जम्मू के सांबा और पंजाब के जालंधर में कुछ ड्रोन दिखाई दिए गए थे। भारतीय सेना ने बताया था, 'जम्मू-कश्मीर के सांबा में कुछ संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं, जिनसे निपटने की कोशिश की जा रही है।'
हालांकि, देर रात आर्मी ने एक और बयान जारी कर बताया कि सीमा पर हालात शांतिपूर्ण हैं और काबू में हैं। सेना ने कहा था, 'फिलहाल दुश्मन की तरफ से ड्रोन एक्टिविटी की नहीं हो रही है।'
जम्मू और जालंधर में ड्रोन दिखने के बाद कठुआ, सांबा, राजौरी और जम्मू समेत पंजाब के कुछ इलाकों में एहतियाति ब्लैकआउट कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें-- बदला पूरा, PAK को सबक; ऑपरेशन सिंदूर से भारत को क्या मिला?
4 दिन में हो गया था सीजफायर
22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया था। 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को उड़ा दिया था।
भारतीय सेना के इस ऑपरेशन से बौखलाकर पाकिस्तानी सेना ने भारत में सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों पर हमला करने की कोशिश की थी, जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया था।
10 मई की दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय सेना के DGMO को फोन कर सीजफायर करने का अनुरोध किया था। इसके बाद 10 मई की शाम 5 बजे से दोनों के बीच सीजफायर हो गया था।