वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर एक सफल सैन्य अभियान है, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेक दिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं था। सेना ने इस सैन्य ऑपरेशन को सधी रणनीति के साथ अंजाम दिया, जिसके चलते पाकिस्तान की सेना ने खुद ही संघर्ष विराम समझौते के लिए भारत से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 80 से 90 घंटे तक चले इस संघर्ष में यह बात पाकिस्तान को पता चल गई थी कि अगर युद्ध जारी रहेगा तो बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'यह एक उच्च तकनीक वाला युद्ध था। 80 से 90 घंटों के युद्ध में हम इतना नुकसान पहुंचाने में सक्षम थे कि उन्हें यह अंदाजा हो गया था कि अगर वे इसे जारी रखते हैं तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसलिए वे आगे आए और हमारे डीजीएमओ को संदेश भेजा कि वे बातचीत करना चाहते हैं। हमारी ओर से इसे स्वीकार कर लिया गया।'
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'सेना पर नहीं थी कोई पाबंदी'
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की एक अहम वजह, राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना था। हमें बहुत साफ निर्देश दिए गए थे। हम पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए थे। अगर कोई बाधाएं थीं तो हम उन्हें जानते थे। हमने तय किया कि कितना आगे बढ़ना है। हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी आजादी थी।'
ऑपरेशन में CDS का रोल क्या था?
वायु सेना प्रमुख ने कहा, 'हमारे हमले सोच-समझकर किए गए थे। हम इसके बारे में निश्चिंत होना चाहते थे। तीनों सेनाओं के बीच एक समन्वय था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद ने सच में बड़ा अंतर पैदा किया। उन्होंने हमें एकजुट किया, बेहद समन्वयन हुआ। नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने भी एजेंसियों को एक साथ लाने में अहम भूमिका निभाई।'
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'300 किलोमीटर दूर से ही मार गिराए एयरक्राफ्ट'
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, 'हम यकीन से कह सकते हैं कि हमने S-400 से कम से कम 5 लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। हमने किसी बड़े विमानमान हो सकता है। यह करीब 300 किलोमीटर दूर से ही मार गिराया गया था। यह सच में अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार गिराने का रिकॉर्ड है जिसके बारे में हम बात कर सकते हैं।'
कहां, कितना नुकसान हुआ, वायुसेना प्रमुख ने बताया
एयर चीफ मार्शल ने एपी सिंह ने कहा, 'शाहबाज जैकबाबाद हवाई अड्डा भी उन प्रमुख हवाई अ को मार गिराया था। यह विमान या तो ELINT विमान या एक एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल में से एक था, जो निशाने पर आया। एक F-16 फ्लाइंग पोर्ट था, जिसका आधा हिस्सा नष्ट हो गया है। मुझे यकीन है कि अंदर कुछ विमान थे जो क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हम मुरीदके और चकलाला जैसे कम से कम दो कमांड और कंट्रोल सेंटर तक पहुंचने में कामयाब रहे।'