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100KM अंदर तक वार, 9 टेरर कैंप तबाह; ऑपरेशन सिंदूर के 25 मिनट की कहानी

पहलगाम अटैक का बदला भारत ने ले लिया है। 7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया और पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।

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जैश का मुख्यालय मरकज सुभान अल्लाह को उड़ा दिया गया है। (Photo Credit: MEA)

पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वालों को भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। 2019 के बाद एक बार फिर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। इस बार सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoK) में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सीमा में घुसकर भारतीय वायुसेना ने मिसाइलें दागी हैं। इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया था।


'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में ब्रीफ करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 'भारत ने सीमापार से होने वाले आतंकी हमलों को जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली, गैर-उकसावे वाले और जिम्मेदारपूर्ण थी।'

 

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25 मिनट चला पूरा ऑपरेशन

पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ हुए इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स हमले के शिकाऱ लोगों को न्याय देने के लिए किया गया। 9 आतंकी ठिकानों को बर्बाद किया गया। तीन दशकों से पाकिस्तान में टेरर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, जो पाकिस्तान और पीओके में फैले हैं।'

 


उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक चला। उन्होंने बताया, 'इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय इंटेलिजेंस सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंक की रीढ़ तोड़ी जा सके और इस बात का ध्यान रखा गया कि निर्दोष नागरिकों और सिविलियन ढांचे को नुकसान न पहुंचे।'

 

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PoK के 5 आतंकी ठिकाने तबाह

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने Pok में बने 5 और पाकिस्तान में 4 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि सबसे पहले मुजफ्फराबाद के सवाई नाला कैंप पर हमला किया, जो LoC से 30 किलोमीटर दूर है। यह कैंप लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर था। भारत के सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी।

 


उन्होंने बताया कि फिर मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद के सैयदाना बिलाल कैंप को उड़ाया गया। यहां हथियार और विस्फोटक भी रखे होते थे। इसके बाद LoC से 30 किमी दूर कोटली में गुलपुर कैंप को निशाना बनाया, जो लश्कर-ए-तैयबा का बेस था। पिछले साल जम्मू में तीर्थयात्रियों पर हमला करने वाले आतंकियों को गुलपुर में ही ट्रेनिंग मिली थी।


कर्नल कुरैशी ने बताया कि LoC से 9 किलोमीटर दूर भीमबेर में बरनाला कैंप को निशाना बनाया गया, जो हथियार, हैंडलिंग, IED और आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर था। फिर कोटली में बने अब्बास कैंप पर हमला हुआ, जो LoC से 13 किमी दूर है। अब्बास कैंप में लश्कर-ए-तैयबा अपने फिदायीन तैयार करता था। यहां एक बार में 15 आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।

 

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पाकिस्तान में 100 किमी अंदर गिराई मिसाइल

  • सरजल कैंपः कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 6 किमी दूर सियालकोट में सरजल कैंप को उड़ा दिया गया। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 4 जवानों की हत्या करने वाले आतंकियों को यहीं से ट्रेनिंग मिली थी।
  • महमूना जोयाः उन्होंने बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 18 किमी दूर सियालकोट में बना था। यह हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कैंप था। 2016 में पठानकोट में हमला करने वालों को यहीं ट्रेन्ड किया गया था।
  • मरकज तैयबाः कर्नल कुरैशी ने बताया कि मुरीदके में मरकज तैयबा को निशाना बनाया है, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 18 से 25 किलोमीटर दूर है। 2008 के मुंबई हमले के आतंकियों को यहीं ट्रेनिंग मिली थी। अजमल कसाब और डेविड हेडली भी यहीं ट्रेन्ड हुए थे।
  • मरकज सुभान अल्लाहः उन्होंने बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 100 किमी दूरी पर है। यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था। यहां आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग होती थी।

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सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया

कर्नल सोफिया कुरैशी ने एक बार फिर सिर्फ किया कि भारतीय सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा, 'किसी भी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। अभी तक किसी तरह की नागरिकों की क्षति की रिपोर्ट भी नहीं है।'


वहीं, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए ऐसे हथियारों को चुना गया था, जो सटीक वार कर सकें, ताकि किसी तरह का कोलैटरल डैमेज न हो। उन्होंने आखिर में चेतावनी देते हुए भी कहा कि अगर पाकिस्तान की तरफ से कुछ किया जाता है तो हम उसका जवाब देने के लिए तैयार हैं।

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