logo

ट्रेंडिंग:

'एफिडेविट दिए पर कार्रवाई नहीं हुई', चुनाव आयोग को विपक्ष का जवाब

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी पार्टी के नेताओं ने अपनी-अपनी बातें रखीं। उन्होंने वोट चोरी के मामले में ईसी को घेरने की कोशिश की।

Representational Image । Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

वोट चोरी और बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर रविवार को चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विपक्ष ने प्रतिक्रिया की है। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए समाजवादी पार्टी, डीएमके, टीएमसी और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने अपनी बातें रखीं। पिछले कुछ दिनों से विपक्ष ने बीजेपी के खिलाफ वोट चोरी का मुद्दा छेड़ रखा है और चुनाव आयोग पर हमलावर हो रहा है।

 

इस मामले में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने बोलते हुए कहा, 'जो चुनाव आयोग रोजाना राहुल गांधी से एफिडेविट मांग रहा है उसी चुनाव आयोग को हम 2018 में एफिडेविट दे चुके है जिस पर चुनाव आयोग ने अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है।' आगे उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में जो उपचुनाव हुआ उसमें जो बनी हुई पहले से लिस्ट थी उसमें से सभी यादव और मुसलमानों को सौ प्रतिशत हटाकर दूसरे लोगों को रखा गया। इसी तरीके से जब मैनपुरी में चुनाव हो रहा था तब एक ही बिरादरी के सारे सीओ, सारे एसएचओ और सारे एसडीएम पोस्ट किए गए थे, जो कि मुख्यमंत्री की बिरादरी के थे।'

चुनाव आयोग संविधान नहीं 

वहीं आरेजडी सांसद मनोज झा ने कहा, 'हमें भारत के संविधान से शक्ति मिलती है। मैं मुख्य चुनाव आयुक्त को बताना चाहता हूं कि चुनाव आयोग संविधान के समकक्ष नहीं है, बल्कि वह इसी से निकला है।' चुनाव आयोग से उन्होंने कहा कि आप चुनाव आयोग के पर्याय नहीं है बल्कि चुनाव आयोग की जगह बीजेपी का एक प्रवक्ता मिल गया।

 

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में बोलते हुए कहा, 'चुनाव आयोग पक्षपात करने वाले अधिकारियों के हाथों में है।' कांग्रेस नेता ने आगे आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष द्वारा लगाए गए किसी भी आरोप की जांच नहीं कर रहा है।'

क्या बोलीं महुआ मोइत्रा?

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी चुनाव आयोग पर अपनी ड्यूटी सही ढंग से न करने का आरोप लगाया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, टीएमसी सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डुप्लीकेट ईपीआईसी (EPIC) वोटर कार्ड का मुद्दा उठाया था, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं हुआ है। मोइत्रा ने 'फर्जी मतदाता सूचियों के लिए पूर्व चुनाव आयुक्तों' के खिलाफ कार्रवाई करने और 'लोकसभा को तुरंत भंग करने' की भी मांग की।

 

विपक्ष द्वारा वोट चोरी के आरोपों के बीच, इंडिया ब्लॉक द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की उम्मीद है।

विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को लेकर भी अपनी चिंताएं दोहराईं। रविवार को आयोजित सम्मेलन के दौरान, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि बिहार में मतदाता सूची फिर से जांच की प्रक्रिया 'सफल' हो।

SIR में जल्दबाजी

हालांकि, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि एसआईआर की प्रक्रिया एक साज़िश है और इसे जल्दबाजी में अंजाम दिया जा रहा है। डीएमके के तिरुचि शिवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा कि सत्ताधारी पार्टी एसआईआर के संचालन में 'जल्दबाज़ी' पर संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रही है? उन्होंने बिहार एसआईआर पर विपक्ष के हंगामे के कारण मानसून सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही कई बार स्थगित होने का हवाला दिया।

 

सीपीएम के जॉन ब्रिटास ने भी ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि उनसे 'मुख्य चुनाव आयुक्त बने रहने का अधिकार खो दिया है।'

ब्रिटास ने आगे कहा, 'लगता है मुख्य चुनाव आयुक्त ने विपक्षी दलों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है और चुनाव आयोग सरकार की बी-टीम बन गया है।'

EC ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वोट चोरी के मुद्दे पर जवाब दिया था। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा था और पार्टियों पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया था। ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ निडरता से चट्टान की तरह खड़ा है।'

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap