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CDS अनिल चौहान के बयान, विपक्ष को मिला मौका, मोदी सरकार पर सवाल क्यों?

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय फाइटर जेट के नुकसान पर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर हंगामा हो रहा है। पढ़ें बवाल की पूरी वजह।

Anil Chauhan

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। (Photo Credit: PTI)

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ 7 मई के बाद हुए सैन्य तनाव पर कुछ ऐसा कहा है, जिसे लेकर विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठा रहा है। उन्होने देश के लड़ाकू विमान गिराए जाने के सवालों पर जवाब दिया है, जिसे लेकर अब विपक्ष का एक धड़ा कह रहा है कि केंद्र सरकार लोगों को ऑपरेशन सिंदूर पर गुमराह कर रही थी। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में कहा, 'यह जरूरी नहीं कि विमान गिराया गया, जरूरी यह बात है कि ऐसा क्यों हुआ?' इसी इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि पाकिस्तान ने देश के 6 लड़ाकू विमानों को उड़ा दिया था। 

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा था, 'मुझे लगता है कि जो जरूरी है वह यह नहीं कि जेट गिराए गए, बल्कि यह कि वह क्यों गिराए गए।'वह शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर आए थे। उन्होंने यहीं ब्लूमबर्ग को इंटरव्यू दिया, जिसे आधार बनाकर अब विपक्षी नेताओं का एक धड़ा नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है। उन पर तथ्य छिपाने के आरोप लग रहे हैं।

विपक्षी दल क्यों केंद्र पर गुमराह करने के आरोप लगा रहे हैं?
शनिवार को विपक्ष ने केंद्र सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने अब मांग की है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों के नुकसान की बात सामने आई है, अब उनकी मांग है कि ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष संसद सत्र बुलाया जाए।

यह भी पढ़ें: शांगरी-ला डायलॉग में CDS अनिल चौहान, भारत को क्या मिलेगा?

 

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने ब्लूमबर्ग के साथ हुए इंटरव्यू में माना कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारत ने सामरिक गलती की, जिसकी वजह से लड़ाकू विमानों को खोना पड़ा। उन्होंने कहा, 'जरूरी यह नहीं कि विमान गिराए गए, बल्कि यह है कि वे क्यों गिराए गए। हमने जो सामरिक गलतियां कीं, उन्हें समझना जरूरी है। संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। अच्छी बात यह है कि हमने अपनी गलतियों को समझा, उन्हें सुधारा और दो दिन बाद फिर से अपने विमानों को लंबी दूरी के लक्ष्यों पर उड़ाया।'



मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा, 'मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है। अब युद्ध का कोहरा छंट रहा है।' उन्होंने मांग की कि कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति बनाई जाए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रम्प ने एक बार फिर शांति समझौता कराने का दावा किया है। उन्होंने कहा, 'यह शिमला समझौते का अपमान है। ट्रम्प के बार-बार दावों और अमेरिकी वाणिज्य सचिव द्वारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में दाखिल हलफनामे पर स्पष्टीकरण देने के बजाय, पीएम मोदी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और सशस्त्र बलों की बहादुरी का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं।' 



जयराम रमेश ने क्या लिखा?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, 'यह हैरान करने वाला है कि ऑपरेशन सिंदूर की पहली जानकारी हमें सीडीएस अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए साक्षात्कार से मिली। क्या पीएम पहले विपक्षी नेताओं को विश्वास में नहीं ले सकते थे?'



उत्तम कुमार रेड्डी ने क्या लिखा?
तेलंगाना के मंत्री और पूर्व वायुसेना पायलट उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि पाकिस्तान ने कितने भारतीय विमान गिराए। उन्होंने कहा, 'सीडीएस ने खुद इसका जिक्र किया। पहले एयर मार्शल भारती ने अपनी ब्रीफिंग में अप्रत्यक्ष रूप से और डीजीएमओ ने भी इसका जिक्र किया था। देश को यह समझना चाहिए कि सरकार ने जो कुछ हुआ, उसे लेकर खुलकर बात नहीं की।'


TMC का रुख क्या है?
टीएमसी की राज्यसभा में उपनेता सागरिका घोष ने भी केंद्र पर तथ्य छिपाने का आरोप लगाया और विशेष संसद सत्र की मांग दोहराई। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'यह खबर पहले अंतरराष्ट्रीय मीडिया में क्यों आई? भारत के नागरिकों, संसद और जनप्रतिनिधियों को पहले यह जानकारी क्यों नहीं दी गई? ऑपरेशन सिंदूर को लेकर नागरिकों के कई सवाल हैं, जिन्हें राष्ट्रीय हित में उठाना जरूरी है। एक मजबूत लोकतंत्र इस तरह अनुभवों से सीखता है।'



सागरिका घोष ने लिखा, 'नागरिकों और विपक्ष को विश्वास में लिया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी सरकार अब विपक्ष की मांग को नजरअंदाज नहीं कर सकती। जून में संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।'


ऑपरेशन सिंदूर का नतीजा क्या रहा?
भारत ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकाने 6 से 7 मई की दरमियानी रात में ध्वस्त कर दिए। इनमें हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर थे। हाफिज सईद के करीबी रिश्तेदार मारे गए। 8 मई की रात पाकिस्तान ने जवाबी हमले किए, कई शहरों पर ड्रोन अटैक किया, नागरिक इलाकों को निशाना बनाया, 20 से ज्यादा हिंदुस्तानियों ने अपनी जान गंवाई। 

पुंछ और राजौरी जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। दोनों देशों में जंग जैसे हालात बने। 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता में भारत-पाकिस्तान ने संघर्ष विराम समझौते को मानने के लिए हामी भरी है। भारत का कहना है कि भारत ने अपनी शर्तों पर संघर्ष विराम किया है, अगर पाकिस्तान की तरफ से उकसावे भरा कोई कदम उठाया जाता है तो सेना इसका जवाब देगी। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। 

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