केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए। इस दौरान लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने तीनों विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं और गृह मंत्री अमित शाह की तरफ कागज के टुकड़े फेंके। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के इस व्यवहार पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सांसदों को जनादेश का अनादर नहीं करना चाहिए। उन्हें बहस और चर्चा में योगदान देना चाहिए। भारी हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही शाम 5 बजे तक स्थगित कर दी।
किरेन रिजिजू ने एक्स पर लिखा, जनता हमें काम के लिए भेजती है, क्या विपक्ष हंगामे के लिए आता है? लोकतंत्र का अपमान करने वालों को देश की जनता माफ नहीं करेगी।
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शाह बोले- बिल जेपीसी को भेजे जाएंगे
तीनों विधेयकों पर सबसे पहले एनके प्रेमचंद्रन ने आपत्ति जताई और जल्दबाजी का आरोप लगाया। इस पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि एनके प्रेमचंद्रन का कहना है कि विधेयक जल्दबाजी में लाए गए हैं। इसका कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि मैं विधेयक को जेपीसी को भेजने का अनुरोध करने वाला हूं। जेपीसी में लोकसभा-राज्यसभा और सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य होंगे। वे इस पर विचार-विमर्श करेंगे।
यह तीन विधेयक पेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में 130वां संशोधन विधेयक- 2025, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पेश किया। शाह ने तीनों विधेयकों को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। सदन ने इस पर अपनी मंजूरी दी। इसके बाद तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया है।
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तीनों विधेयक संविधान के खिलाफ: मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने तीनों विधेयकों को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा, 'मूल बात यह है कि ये तीनों विधेयक भारत के संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ हैं। कानून कहता है कि जब तक आप दोषी साबित न हो जाएं तब तक आप निर्दोष हैं। विधेयक संविधान के मूल ढांचे के लिए विनाशकारी है, क्योंकि इसमें राज्य के साधनों के दुरुपयोग की बहुत अधिक संभावना है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।'
किस तरह की गुंडागर्दी हुई, पूरे देश ने देखा: जगदंबिका पाल
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि पूरा देश देख रहा था कि किस तरह गुंडागर्दी हुई। गृह मंत्री ने संसोधन विधेयक पेश किया तो प्रेमचंद्रन ने सवाल उठाया कि इसे जल्दबाजी में लाया गया है। देश के गृह मंत्री ने स्पीकर से कह दिया कि विधेयक को जेपीसी में भेजा जाएगा। जेपीसी में संसद के दोनों सदनों के सदस्य और हर पार्टी के सांसद शामिल होते हैं।
जेपीसी में विचार के बाद बिल आएगा। मगर कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने विधेयकों की प्रतियांड फाड़नी और स्पीकर के आसन की तरफ फेंकना शुरू किया। टीएमसी और कांग्रेस से सदस्य वेल पर आ गए और झगड़ा करने पर आमदा हो गए। यह पूरे लोकतंत्र पर कुठाराघात है। यह संसदीय मर्यादा का उल्लंघन है। विपक्ष जानबूझकर संसद बाधित कर रहा था। गृह मंत्री टेबल तक आ गए। अगर भाजपा के सदस्य खड़े हो जाते तो कुछ भी अप्रिय घटना हो सकती थी।'