पहलगाम आतंकी हमले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। आतंकियों को शरण देने वाले दो लोगों को एनआईए ने दबोचा है। दोनों आरोपियों की पहचान बटकोट के रहने वाले परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क निवासी बशीर अहमद जोथर के तौर पर हुई है। एनआईए के मुताबिक दोनों ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन हथियारबंद आतंकियों के बारे में खुलासा किया है कि तीनों पाकिस्तानी नागरिक हैं और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय समेत कुल 26 लोगों की जान गई थी। हमले के 14 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला करके बदला लिया था। इसमें 100 से अधिक आतंकियों की जान गई थी। अपने बयान में एनआईए ने कहा कि परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में एक झोपड़ी में तीन आतंकियों को शरण दी थी।
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आतंकियों को खाने और रसद की भी व्यवस्था की थी। एनआईए ने परवेज और बशीर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम- 1967 की धारा 19 के तहत पकड़ा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद एनआईए ने अब तक 2 हजार से अधिक लोगों से पूछताछ की। टट्टूवालों से पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया है।
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पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली। हालांकि बाद में मुकर गया था। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। बता दें कि हमले के बाद एनआई ने जम्मू-कश्मीर में लगभग 32 स्थानों पर छापेमारी की थी।