भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में एक बार फिर कहा है कि भारत में फैल रहे आतंक के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का हाथ है। भारत ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके सह संगठनों ने साल 2008 से ही भारत में आतंक मचाना शुरू किया है, जो अब तक जारी है। साल 2008 में हुआ मुंबई आतंकी हमला हो या हाल ही में हुआ पहलगाम आतंकी हमला, हर हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आई है।
वियाना में हुई इस अहम बैठक में भारत ने कहा है कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने की जरूर है, तभी आतंकी घटनाओं पर लगाम लगेगी। यूएन कमीशन ऑन क्राइम प्रिवेंशन एंड क्रिमिनल जस्टिस (CCPCJ) की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव नीरज कुमार बंसोड़ ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा और शांति में सबसे बड़ी बाधा है।
भारत ने बैठक में क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत ने जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में कई आतंकी हमलों के पीछे इन संगठनों का हाथ है। भारत ने 2008 के मुंबई हमले का जिक्र किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि साल 2016 में उरी और पठानकोट हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
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भारत ने UN की क्राइम प्रिवेंशन और क्रिमिनल जस्टिस की 19 मई से शुरू हुई बैठक में साफ कहा कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता, चाहे उसका मकसद कुछ भी हो। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अपनी मजबूत भूमिका दोहराई और कहा कि वह UN के 13 आतंकवाद विरोधी समझौतों का हिस्सा है।
भारत ने 1996 में UN में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि (CCIT) का प्रस्ताव रखा था, लेकिन आतंकवाद की परिभाषा पर देशों के बीच सहमति न बनने से यह अटका हुआ है। भारत ने बैठक में पाकिस्तान के आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात को उजागर किया, खासकर पहलगाम हमले के बाद। भारत ने कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों को सजा मिलनी चाहिए। UN सिक्योरिटी काउंसिल ने भी पहलगाम हमले के दोषियों को सजा देने की मांग की थी।
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भारत ने यह भी बताया कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे मंचों पर आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए सक्रिय है। भारत जून में होने वाली FATF की बैठक में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में डालने का दबाव बनाएगा। भारत यह साबित करेगा कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग में जुड़ा है, मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं की।
साइबर क्राइम पर क्या बात हुई?
भारत ने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे का जिक्र किया। भारत ने कहा है कि उसने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) बनाया है, जो साइबर अपराधों से निपटने में पुलिस और अन्य एजेंसियों के बीच सूचना साझा करता है। भारत ने ड्रग तस्करी, भ्रष्टाचार और सीमा पार अपराधों से निपटने के लिए अपने कानूनी और प्रवर्तन तंत्र को मजबूत किया है और वैश्विक सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।
भारत ने UN की बैठक में पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी समूहों को बेनकाब किया जो भारत में हमले करते हैं। भारत ने कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है और चाहता है कि दुनिया मिलकर इसका मुकाबला करे। भारत ने साइबर अपराध और अन्य अपराधों से निपटने के लिए भी कदम उठाए हैं। पाकिस्तान को आतंकवाद रोकने में नाकामी के लिए FATF में जवाबदेह ठहराने की कोशिश करेगा।
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ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बात हुई?
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था। भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया। 4 दिन तक भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष की स्थिति रही। 10 मई को दोनों देश सीज फायर के लिए तैयार हुए। अभी सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण है।