अक्सर आपने ऐसे दुर्लभ नवजात बच्चों को देखा होगा जो चार पैर या तीन हाथ के साथ पैदा होते है। दुनियाभर में 10 लाख में से किसी एक बच्चे के साथ ऐसा होता है। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है जिसे मेडिकल साइंस की दुनिया में पैरासिटिक ट्विन कहते हैं।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के एम्स में आया है जहां एक 17 वर्षीय किशोर का जन्म से ही चार पैर थे। वह इस समस्या को लेकर एम्स दिल्ली पहुंचा। उसके शरीर में एक्सट्रा पैर थे और जननांग पेट से जुड़े हुए थे। दिल्ली के एम्स डॉक्टरों ने ढाई घंटे की सर्जरी कर किशोर को एक नया जीवन दिया है। ऑपरेशन के चार दिन बाद किशोर को डिस्चार्ज कर दिया गया।
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पैरासिटिक ट्विन होता क्या है?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में रहने वाले 17 साल के लड़का जन्म के साथ ही 4 पैर लेकर पैदा हुआ था। इसे पैरासिटिक ट्विन कहते है जिसके तहत जब मां के गर्भ में जुड़वा बच्चा होता है और एक भ्रूण पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता तो वह दूसरे भ्रूण के शरीर से जुड़ जाता है। लाखों में एक ऐसे मामले सामने आते हैं और दुनिया में केवल 40 मामले ही दर्ज किए गए हैं। 17 साल का किशोर भी एक्स्ट्रा 2 टांगों के साथ पैदा हुआ। स्थानीय डॉक्टरों ने बताया की टांग को हटाना खतरनाक साबित होगा क्योंकि यह उनके हार्ट से जुड़ी हो सकती है।
13 किलोग्राम ऑर्गन निकला बाहर
हालांकि, किशोर दिल्ली एम्स पहुंचा और वहां डॉक्टरों से इलाज कराया। सीटी स्कैन किए गए और पता चला कि टांग को खून की सप्लाई एक नस के जरिए मिल रही थी जो कि हार्ट से जुड़ी हुई है। इसके अलावा किशोर के पेट में सिस्ट भी थी। सभी जांच होने के बाद सर्जरी 8 फरवरी को हुई। ये ऑपरेशन दो घंटे तक चला जो दो हिस्सों में थी। पहले पार्ट में डॉक्टर ने उसके एक्स्ट्रा टांग को हटाया फिर दूसरे पार्ट में सिस्ट निकाला गया। सर्जरी के बाद लगभग 13 किलोग्राम ऑर्गन बाहर निकाला गया।
एम्स के डॉक्टरों ने क्या कहा?
दिल्ली एम्स के चीफ सर्जन डॉ. असुरी कृष्णा ने ANI को दिए एक बयान में कहा, 'इस स्थिति को हम पैरासिटिक ट्विन कहते हैं। यह एक ऐसा जुड़वां है जो पूरी तरह से गर्भ में विकसित नहीं हुआ। यह सर्जरी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि एक्स्ट्रा टांगे को ब्लड सप्लाई किशोर के शरीर से मिल रही थी। हमें यह भी देखना था कि पेट के अंदरूनी हिस्सों के साथ यह कितना जुड़ा हुआ है। मरीज 16-17 साल का था, और सर्जरी के बाद वह बहुत खुश था।' वहीं, एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीके बंसल ने कहा 'जब हमने पहली बार मरीज को देखा तो सबसे पहले हमारे दिमाग में यही बात आई कि क्या इसका पैरासिटिक ट्विन से कोई संबंध है? यह बहुत दुखद है कि बच्चे को इतने सालों तक इसी अंग के सहारे जीवित रहना पड़ा।'
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दुनिया के कुछ चर्चित पैरासिटिक ट्विन मामले
भारत, 2022: बिहार में एक बच्चे के शरीर से जुड़ा हुआ अविकसित भ्रूण पाया गया था, जिसे सर्जरी से हटाया गया।
इंडोनेशिया, 2018: एक बच्चे के पेट के अंदर एक और भ्रूण विकसित हो रहा था, जिसे डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक निकाला।
अमेरिका, 2003: कैलिफोर्निया में एक नवजात के शरीर से अविकसित जुड़वां को ऑपरेशन के जरिए अलग किया गया।