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देश में पहली बार, कबूतरों को दाना डालने पर FIR; ऐसा क्यों? समझिए

मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर पहली बार FIR दर्ज की गई है। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने वालों के खिलाफ ऐक्शन लेने को कहा था।

pigeon feeding

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

क्या कबूतरों को दाना डालने पर केस हो सकता है? अगर आप मुंबई में हैं तो- हां। मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर एक शख्स के खिलाफ FIR दर्ज भी हो गई है। देश में यह पहली बार है जब किसी शख्स पर कबूतरों को दाना डालने पर केस दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं, मुंबई में 50 से ज्यादा कबूतरखानों को भी बंद कर दिया गया है।

 

मगर यह सब क्यों हुआ? क्योंकि 31 जुलाई को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कबूतरों को दाना डालने वालों के खिलाफ ऐक्शन लेने का आदेश दिया था। साथ ही हाई कोर्ट ने इन कबूतरखानों को भी बंद करने को भी कहा था। हाई कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया था, क्योंकि उसका मानना था कि कबूतरों की वजह से लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है।

क्या है पूरा मामला?

3 जुलाई को BMC ने कई कबूतरखानों को ध्वस्त कर दिया था। इसे बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। जस्टिस गिरिश एस कुलकर्णी और जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर की बेंच ने 31 जुलाई को फैसला सुनाया।

 

हाई कोर्ट ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से कबूतरों को दाना डाला जा रहा है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अदालत ने BMC को आदेश दिया कि वह कबूतरों को दाना डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। कोर्ट ने दाना डालने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश भी दिया था।

 

BMC ने हाई कोर्ट में बताया था कि कबूतरों की बीट और उनके पंखों से अस्थमा और निमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

 

अदालत को सौंपी मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से BMC ने बताया था कि कबूतरों और उनकी बीट के संपर्क में आने से फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर लोगों को इस बीमारी का अहसास बहुत देर से होता है, जब तक फेफड़ों में फाइब्रोसिस शुरू नहीं हो जाता है। फाइब्रोसिस को ठीक करने की कोई दवा नहीं है।

 

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मुंबई में पहली FIR भी दर्ज

कबूतरों को दाना डालने पर मुंबई में पहली FIR भी दर्ज की गई है। माहिम के एलजे रोड थाने में कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ यह FIR दर्ज की गई है।

 

बताया जा रहा है कि माहिम में कुछ लोग शुक्रवार को बाइक से पहुंचे थे और कबूतरों का दाना डाल रहे थे। इसके बाद उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223, 270 और 271 के तहत FIR दर्ज की गई है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर 6 महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।

51 कबूतरखाने भी हुए बंद

मुंबई में कम से कम 51 कबूतरखानों की पहचान की गई है, जहां कबूतरों का दाना डाला जाता है। इन 51 कबूतरखानों को बंद किया जा रहा है।

 

BMC ने रविवार को दादर के कबूतरखाने को बंद कर दिया है। इसे 1933 में बनाया गया था। BMC ने इसे बंद कर कवर कर दिया है।

 

इसके अलावा, BMC ने कई जगहों पर आदेश भी चस्पा कर दिया है, जिसमें लिखा है कि अगर कोई भी कबूतरों का दाना डालते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

 

इस बीच महाराष्ट्र सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने BMC कमिश्नर भूषण गगरानी को चिट्ठी लिखकर कबूतरों का दाना डालने वालों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोई दूसरी जगह फीडिंग स्पॉट बनाने की अपील की है। उन्होंने BKC, रेसकोर्स, आरे कॉलोनी और संजय गांधी नेशनल पार्क जैसे खुले स्थानों पर फीडिंग जोन बनाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि लोग वहां कबूतरों को दाना डाल सकें।

 

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दिल्ली में भी है ऐसा नियम

कबूतरों को दाना डालने वालों के खिलाफ दिल्ली में भी ऐसा ही नियम है। इसी साल मार्च में यह नियम लागू किया गया था।

 

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कश्मीरी गेट के पास तिब्बती मार्केट, ईदगाह गोलचक्कर और पंचकुइयां रोड पर अंबेडकर भवन के पास कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगा दी है। MCD का कहना है कि गंदगी रोकने के लिए यह नियम लाया गया है।

 

MCD ने बताया कि आवारा जानवरों का खाना खिलाने और पक्षियों को दाना डालने पर 200 से 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा रहा है। ऐसा करने वालों को MCD घर पर चालान भेज रही है।

 

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