प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को पहली बार चिट्ठी लिखी है। PMML ने अपने पत्र में नेहरू की सभी चिट्ठियां वापस देने की बड़ी मांग की है। 2008 में, सोनिया गांधी ने नेहरू के निजी पत्रों से संबंधित 51 बक्सों को PMML से वापस लिया था। यह पहली बार है जब PMML ने सोनिया को आधिकारिक तौर पर लेटर लिखा है। हालांकि, सोनिया के ऑफिस से अब तक कोई प्रतिक्रिया या जवाब नहीं आया है। करीब 17 साल पहले वर्ष 2008 में सोनिया गांधी ने PMML से नेहरू के निजी कागजात के 51 डिब्बे वापस ले लिए थे। पहले यह कागजात 1971 में इंदिरा गांधी ने म्यूजियम को डोनेट कर दिया था। हालांकि, बाद में सोनिया गांधी ने 2008 में इन सभी को वापस ले लिया था। इसमें नेहरू के जयप्रकाश नारायण, एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली, विजया लक्ष्मी पंडित और जगजवीन राम जैसे बड़े लोगों को लिखे गए पत्र मौजूद हैं।
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सोनिया गांधी से की गई अपील
अब PMML ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि इन कागजातों पर रिसर्चर की पहुंच होनी चाहिए। सोनिया से अपील की गई है कि अगर उनके पास नेहरू से जुड़ी कोई और निजी चिट्टियां है तो वो भी दान करें। दरअसल, म्यूजियम का मानना है कि यह भारत के इतिहास का एक अहम हिस्सा है जिसे रिसर्च के लिए खुला रखना चाहिए। पिछले साल की बैठक में कुछ सदस्यों ने सोनिया गांधी से निजी कागजात वापस करने की मांग की थी। अब PMML की बैठक होने वाली है जिसमें यह मुद्दा उठाया जाएगा। दरअसल, तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में तय हुआ था कि इन चिट्टियों के मालिकाना हक और इस्तेमाल पर कानूनी राय ली जाए।
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पहले भी कई बार उठी मांग
PMML ने यह चिट्टी केवल सोनिया गांधी को ही नहीं बल्कि सभी पूर्व और मौजूदा प्रधानमंत्रियों के परिवार और ऑफिस को चिट्ठी लिखी है। इसमें अहम कागजात और चीजें दान करने के लिए कहा गया है। कई बार कांग्रेस और सरकार के बीच विवाद हुआ है कि नेहरू से संबधित दस्तावेज और उनके लिखे पत्र सार्वजनिक किए जाएं। कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि नेहरू के कुछ निजी पत्र गांधी परिवार के पास हैं और सरकार ने उन्हें ऐतिहासिक रिकॉर्ड के लिए मांगा था। भारतीय जनता पार्टी से जुडे़ कुछ नेताओं ने मांग की थी कि नेहरू के पत्रों को पब्लिक किया जाए।
पहले भी PM म्यूजियम ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से संबंधित चिट्टियों को वापस दिलाने में मदद के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखा था। पीएमएमएल सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने पिछले साल सितंबर में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनसे नेहरू की चिट्ठियां संस्था को वापस लौटाने का अनुरोध किया था।