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2022 से 2029... भारत की पहली बुलेट ट्रेन की रफ्तार कहां थम गई?

2015 में सरकार ने मुंबई से अहमदाबाद तक पहली बुलेट ट्रेन की घोषणा की थी। पहली बुलेट ट्रेन 2022 तक शुरू होने की उम्मीद थी। हालांकि, इसका काम टला। ऐसे में जानते हैं कि पहली बुलेट ट्रेन का काम कितना पूरा हुआ और कब तक पूरा होगा?

bullet train india

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में हैं। पीएम मोदी यह दौरा 7 साल बाद हो रहा है। इस दौरान पीएम मोदी भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। जापान पहुंचकर पीएम मोदी ने कहा कि 'भारत की विकास यात्रा में जापान हमेशा एक अहम पार्टनर रहा है।' 


पीएम मोदी का यह दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि E10 सीरीज की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन को लेकर भी डील हो सकती है। अभी भारत में जिस बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, वह E5 सीरीज की है। 


भारत और जापान के बीच पहली बुलेट ट्रेन को लेकर 2015 में समझौता हुआ था। उस साल मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा हुई थी। सितंबर 2017 में इसका शिलान्यास किया गया। पहले कहा गया कि पहली बुलेट ट्रेन 2022 तक शुरू हो जाएगी। हालांकि, बाद में इसे 2023 तक बढ़ाया गया। फिर इसे 2026 और उसके बाद 2027 तक पूरा करने की बात कही गई। अब इस प्रोजेक्ट के 2029 तक पूरा होने की बात कही जा रही है।

 

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पहली बुलेट ट्रेन के बारे में जानें सबकुछ

  • कहां से कहां तक?: मुंबई से अहमदाबाद तक चलेगी। इसके लिए 508 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बन रहा है। 463 किमी का जमीन पर और 21 किमी का कॉरिडोर टनल में होगा। 7 किलोमीटर की सुरंग समंदर के अंदर होगी।
  • कहां-कहां रुकेगी ट्रेन?: कुल 12 स्टेशन होंगे। इसमें 8 गुजरात और 4 महाराष्ट्र में होंगे। मुंबई से चलकर यह ठाणे, वीरार, बोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और फिर साबरमती पहुंचेगी।
  • कितना समय लगेगा?: अगर सूरत और वडोदरा में ही रुकी तो 1 घंटे 58 मिनट में सफर पूरा हो जाएगा। सारे स्टेशन पर रुकती है तो अहमदाबाद से मुंबई तक पहुंचने में 2 घंटे 57 मिनट का वक्त लगेगा।
  • कितनी ट्रेन चलेगी?: हर दिन आधे घंटे के अंतराल में 35 ट्रेनें चलेंगी। अनुमान है कि बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद रोजाना 17,900 यात्री इससे सफर करेंगे।
  • बुलेट ट्रेन में क्या खास?: यह E5 सीरीज की शिंकानसेन ट्रेन होगी। इसकी लंबाई 255 मीटर है। इसमें 10 बोगियां होती हैं। यह 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। 
  • खर्चा कितना आ रहा?: इसे जापान की मदद से तैयार किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से 81% यानी 88 हजार करोड़ जापान खर्च कर रहा है।

कैसे हो रहा पूरे प्रोजेक्ट पर काम?

2014 में जब बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में बुलेट ट्रेन का वादा किया था। अगले ही साल 2015 में मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन की घोषणा की गई।


बुलेट ट्रेन का पूरा काम संभालने के लिए फरवरी 2015 में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) नाम से कंपनी बनाई गई। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की पूरी जिम्मेदारी NHSRCL के पास ही है। 


मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली इस पहली बुलेट ट्रेन के लिए 508 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जा रहा है। NHSRCL के मुताबिक, 508 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का 348 किमी का हिस्सा गुजरात में और 156 किमी का हिस्सा महाराष्ट्र में होगा। 4 किमी लंबा हिस्सा दादरा नगर हवेली में होगा।


इस पूरे कॉरिडोर का ज्यादातर जमीन के ऊपर यानी एलिवेटेड होगा। इसमें 21 किलोमीटर का कॉरिडोर टनल में होगा। इसी में 7 किलोमीटर का रास्ता समंदर में बनी टनल से होकर गुजरेगा। कॉरिडोर में 25 ब्रिज नदी पर बनाए जाएंगे। इसमें से 21 गुजरात और 4 महाराष्ट्र में होंगे।

 


यह पूरा प्रोजेक्ट 1.08 लाख करोड़ रुपये में पूरा होने का अनुमान है। इसके लिए 81% यानी 88 हजार करोड़ रुपये का लोन जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजंसी (JICA) से मिल रहा है। बाकी बचे 20 हजार करोड़ में से 50% रेलवे और बाकी का 25-25% गुजरात और महाराष्ट्र सरकार देगी।


बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद मुंबई से अहमदाबाद के बीच होने वाली यात्रा का सफर बहुत कम हो जाएगा। अभी मुंबई से अहमदाबाद तक का सफर पूरा करने में 8 से 9 घंटे लगते हैं। बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद यह समय घटकर 3 घंटे से भी कम हो जाएगा। अगर यह ट्रेन सिर्फ सूरत और वडोदरा में रुकती है तो 1 घंटे 58 मिनट में ही सफर पूरा हो जाएगा। \

 


NHSRCL का कहना है कि बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद हर दिन 35 फेरे लगाएगी। हर ट्रेन में 690 यात्री बैठ सकेंगे। हर दिन 17,900 यात्रियों के सफर करने का अनुमान है। शुरुआत में 24 बुलेट ट्रेन चलेंगी। इनमें से 2 ट्रेनें जापान की तरफ से मुफ्त में दी जाएंगी।

 

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लेकिन पहली ट्रेन कब चलेगी?

सितंबर 2017 में जब इस प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी तो रेलवे ने कहा था कि 15 अगस्त 2022 तक इसके पूरे होने की उम्मीद है। हालांकि, फिर कोविड आ गया, जिस कारण प्रोजेक्ट के काम में देरी हुई। 


प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के मसले को लेकर भी देरी हुई। 508 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाने के लिए 1,390 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इसमें से 430 हेक्टेयर की जमीन महाराष्ट्र में और 960 हेक्टेयर जमीन गुजरात में अधिग्रहित की गई है। NHSRCL के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी पूरी जमीन को अधिग्रहित किया जा चुका है।


इसी साल 23 जुलाई को लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण में देरी हुई, जिस कारण 2021 तक प्रोजेक्ट के काम पर असर पड़ा। हालांकि, अब सारी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। 

 


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया था कि इस प्रोजेक्ट के लिए 28 टेंडर निकाले गए हैं, जिनमें से 24 टेंडर दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया था कि इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाले 1.08 लाख करोड़ रुपये में से 30 जून 2025 तक 78,839 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके अलावा समंदर के अंदर बनने वाली टनल का काम भी शुरू हो गया है।


उन्होंने बताया था कि गुजरात में वापी से साबरमती से बनने वाले कॉरिडोर का काम दिसंबर 2027 तक पूरा हो जाएगा। वहीं, मुंबई से अहमदाबाद तक बनने वाले कॉरिडोर का काम दिसंबर 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है। 


कुल मिलाकर, अगर सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2029 तक पूरा कॉरिडोर बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद बुलेट ट्रेन का ट्रायल भी होगा। तब जाकर भारत में पहली बुलेट ट्रेन शुरू होगी।

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