नौसेना के बेड़े में दो युद्धपोत और एक पनडुब्बी शामिल होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएम मोदी बुधवार को मुंबई के दौरे पर रहेंगे। यहां वो नेवी डॉकयार्ड में दो युद्धपोत- INS सूरत, INS नीलगिरि और एक पनडुब्बी INS वाघशीर को राष्ट्र को सौंपेंगे। इसके बाद मोदी ISKON मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
युद्धपोत और पनडुब्बी में क्या है खास?
P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और आखिरी युद्धपोत INS सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और ये अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।
P17A स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला युद्धपोत INS नीलगिरि को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने और स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है। ये स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दिखाता है।
P75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और आखिरी पनडुब्बी INS वाघशीर पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।
ISKON मंदिर का करेंगे उद्घाटन
नौसेना को युद्धपोत और पनडुब्बी सौंपने के बाद पीएम मोदी नवी मुंबई के खारघर में ISKON मंदिर का उद्घाटन करेंगे। करीब 9 एकड़ में बना ये मंदिर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा ISKON मंदिर है। इसे बनाने में 12 साल का वक्त लगा है। इसपर 170 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। इस मंदिर में सफेद और भूरे रंग के संगमरमर पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर परिसर में ही एक झील भी बनाई गई है। एक बड़ा प्रसादम हॉल बनाया गया है, जहां एक बार में 3 हजार भक्तों को प्रसाद बांटा जा सकेगा। परिसर में कई देवताओं वाला एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार, उपचार केंद्र भी बनाया गया है।