प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर 'सूर्य ध्वज' फहराएंगे। अगले दिन यानी 26 नवंबर से भक्त पूरा मंदिर देख सकेंगे। केसरिया रंग का यह ध्वज 22 फुट ऊंचा और करीब 11 फुट चौड़ा है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। पहली मंजिल पर 'राम परिवार' विराजमान है। ध्वजारोहण वाले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'राम परिवार' की आरती करेंगे।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में करीब 8000 लोगों को आमंत्रित करने की सूची बनाई गई है। ध्वजा फहराने का मतलब यह है कि मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। सभी भक्त यहां आकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
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श्री राम जन्मभूमि मंदिर के सभी निर्माण पूरे
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट पर बताया कि मंदिर से जुड़े सभी निर्माण कार्य पूरे हो गए हैं। मुख्य मंदिर के अलावा परिसर के भीतर मौजूद महादेव, गणेश जी, हनुमान जी, सूर्यदेव, मां भगवती और मां अन्नपूर्णा को समर्पित 6 मंदिर और शेषावतार मंदिर तैयार हो गए हैं। इन मंदिरों पर ध्वजा और कलश की स्थापना भी कर दी गई है।
ट्रस्ट ने आगे जानकारी दी कि संत तुलसीदास मंदिर, ऋषि वाल्मीकी, ऋषि वशिष्ठ, ऋषि विश्वामित्र, ऋषि अगस्त्य, निषादराज, शबरी और देवी अहिल्या को समर्पित सात मंडप भी बन चुके हैं। संत तुलसीदास मंदिर भी तैयार है। जटायु और गिलहरी की मूर्तियां स्थापित की जा चुकी हैं।
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अभी यहां चल रहा निर्माण कार्य
ट्रंस्ट के मुताबिक लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी ने पत्थर के फर्श और अंदरूनी सड़क निर्माण का काम पूरा कर रही है। वहीं जीएमआर पंचवटी क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रही है। पंचवटी क्षेत्र करीब 10 एकड़ में फैला है। ट्रस्ट का कहना है कि अभी साढ़े तीन किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल, ट्रस्ट कार्यालय, गेस्ट हाउस और ऑडिटोरियम का काम चल रहा है। हालांकि इन संबंध सीधे जनता से नहीं है।