2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने 'जन धन योजना' शुरू की थी, ताकि हर परिवार को बैंक से जोड़ा जा सके। हालांकि, अब सरकार ने बताया है कि 23% जन धन खाते अब निष्क्रिय भी हो गए हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्रालय ने बताया है कि अब तक 56 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 23% निष्क्रिय हो गए हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि जन धन योजना के तहत 31 जुलाई 2025 तक 56.03 करोड़ खाते खोले गए हैं। इनमें से 23% यानी 13.04 करोड़ खाते अब निष्क्रिय हो गए हैं।
जन धन योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी। इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में 2.64 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।
कहां-कितने बैंक खाते निष्क्रिय?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सबसे ज्यादा 2.75 करोड़ निष्क्रिय खाते उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद बिहार में 1.39 करोड़ और मध्यप्रदेश में 1.07 करोड़ ऐसे खाते हैं।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में एक कैंपेन चलाया जा रहा है ताकि निष्क्रिय खातों को फिर से ऐक्टिव करने के लिए KYC की जा सके। यह कैंपेन 1 जुलाई से शुरू हो गया है और 30 सितंबर तक चलेगा।
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मगर निष्क्रिय कैसे हो गए?
सेविंग अकाउंट को लेकर 18 फरवरी 2009 को RBI ने गाइडलाइंस जारी की थीं। इसके तहत, अगर किसी सेविंग अकाउंट में दो साल तक कोई लेन-देन नहीं होता है तो उसे निष्क्रिय कर दिया जाता है। इसके अलावा, KYC नहीं होने पर भी अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया जाता है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि जिन लोगों के बैंक खाते निष्क्रिय हो गए हैं, उन्हें SMS, ईमेल और चिट्ठी के जरिए हर तीन महीने में सूचित किया जाता है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह भी बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ इन निष्क्रिय खातों में भी ट्रांसफर किया जा रहा है।
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क्या है जन धन बैंक खाता?
28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत गरीबों का सेविंग बैंक अकाउंट खोले जाते हैं। इस योजना के तहत खाता खुलवाने पर अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत भी नहीं होती। इसके साथ ही अकाउंट होल्डर को रुपे डेबिट कार्ड भी मिलता है।
इस योजना के तहत खुलवाए गए अकाउंट में 1 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर भी मिलता है। हालांकि, 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए अकाउंट में यह कवर 2 लाख तक का है।