आज महाशिवरात्रि है और महाकुंभ का आखिरी स्नान भी। इसी के साथ प्रयागराज में 46 दिन से चल रहे महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा। महाकुंभ के 'आखिरी स्नान' के लिए त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है।
इस साल महाकुंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर शुरू हुआ था। अब तक 64 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति पर इसका पहला 'अमृत स्नान' हुआ था।
महाकुंभ के आखिरी स्नान से जुड़ी पल-पल की अपडेटः
February 26, 07:39
महाकुंभ का आखिरी स्नान जारी
February 26, 07:00
मेला क्षेत्र में जोनल स्कीम लागू
कुंभ मेले के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने PTI को बताया कि 'भारी भीड़ को देखते हुए जोनल स्कीम लागू की गई है, जिसके तहत श्रद्धालु जिस रास्ते से आ रहे हैं, उसके नजदीकी घाट पर ही डुबकी लगाते हैं और उसी रास्ते से वापस लौटते हैं।'
February 26, 06:58
श्रद्धालुओं की वापसी के लिए 350 एक्स्ट्रा ट्रेनें
महाकुंभ में मंगलवार को 1.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई थी। महाशिवरात्रि पर इससे भी ज्यादा श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है। स्नान के बाद श्रद्धालुओं की वापसी के लिए रेलवे ने 350 अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है। ये ट्रेन प्रयागराज से चलेंगी।
February 26, 06:58
मेला क्षेत्र और प्रयागराज 'नो व्हीकल जोन'
आखिरी स्नान के लिए देश-विदेश के कई हिस्सों से श्रद्धालु आ रहे हैं। संगम स्थल या उसके आसपास विभिन्न घाटों पर पवित्र स्नान करने वाले तीर्थयात्रियों के बीच सुरक्षा कर्मियों ने कड़ी नजर रखी और किसी भी स्थान पर लंबे समय तक भीड़ नहीं लगने दी। सुरक्षा कर्मियों ने मेला मैदान में उमड़ने वाले तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी। डीआईजी (कुंभ) वैभव कृष्ण ने बताया कि मेला क्षेत्र और प्रयागराज को 'नो व्हीकल जोन' घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि संगम घाट और मेला क्षेत्र में बने पांच मुख्य शिवालयों पर भीड़ से निपटने के लिए भारी पुलिस तैनात है।
February 26, 06:48
'हर हर महादेव' के लग रहे नारे
महाकुंभ के आखिरी स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आधी रात से ही संगम पर जुटने लगे थे। कई श्रद्धालु 'ब्रह्म मुहूर्त' में स्नान का इंतजार कर रहे हैं तो कई स्नान भी कर चुके हैं। इस दौरान श्रद्धालु 'हर हर महादेव' और 'जय महाकाल' के नारे लगा रहे हैं।
राजकोट से आए 20 साल के छात्र राजवीर सिंह झाला ने संगम तट पर पवित्र स्नान किया। उनकी मां और परिवार के अन्य सदस्य भी बुधवार रात गुजरात से बस से प्रयागराज पहुंचे। झाला ने स्नान के बाद न्यूज एजेंसी PTI से कहा, 'मेरे लिए भगवान शिव का मतलब 'शून्यता' है, व्यक्ति को ऐसा महसूस होना चाहिए कि वह उनके सामने कुछ भी नहीं है। इसके अलावा, व्यक्ति के अंदर अच्छाई होनी चाहिए। अगर व्यक्ति के अंदर गंदगी है, तो पवित्र संगम में स्नान करने से भी कोई पाप नहीं धुलेगा।'