वोट चोरी का आरोप और डिनर डिप्लोमेसी, विपक्ष को एकजुट कर पाएंगे राहुल?
देश
• NEW DELHI 08 Aug 2025, (अपडेटेड 08 Aug 2025, 6:42 AM IST)
लगातार चुनाव आयोग को घेर रहे राहुल गांधी ने अब एक डिनर पार्टी में विपक्ष के नेताओं को प्रजेंटेशन देकर अपनी ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बारे में समझाया है।

प्रजेंटेशन देते राहुल गांधी, Photo Credit: Congress
आखिरकार लंबे समय के बाद विपक्षी दलों के नेता एकजुट नजर आए। लंबे समय से कई नेता मांग कर रहे थे कि INDIA गठबंधन की मीटिंग होनी चाहिए। इस बार मीटिंग की जगह बनी राहुल गांधी की डिनर पार्टी और राहुल का 'वोट चोरी' का मुद्दा छाया रहा। इस मौके पर अपने गठबंधन के सहयोगी नेताओं के सामने राहुल गांधी ने एक प्रजेंटेशन भी दी और बताया कि किस तरह से वोट चोरी की जा रही है। राहुल की इस पार्टी में कई विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए तो कुछ पार्टियों ने इससे दूरी भी बनाई। इस डिनर पार्टी को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें विपक्ष भी जोर आजमाइश कर सकता है। दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने वोट चोरी के सभी दावों को खारिज किया है। चुनाव आयोग के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी भी राहुल पर हमलावर है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है कि राहुल गांधी के ये दावे अतार्किक हैं और सिर्फ एक खास वर्ग को खुश करने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली में हुई राहुल गांधी की इस डिनर पार्टी में लगभग 25 पार्टियों के 50 से ज्यादा नेता शामिल हुए। खुद राहुल गांधी के अलावा उनकी मां और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला, पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के मुखिया शरद पवार, डीएमके सांसद के कनिमोई, डी राजा, कमल हासन, सुप्रिया सुले और कांग्रेस के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, सिद्धारमैया, सुखविंदर सिंह सुक्खू आदि शामिल हुए।
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डिनर पार्टी में क्या-क्या हुआ?
इस पार्टी में बिहार में जारी स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR), वोट चोरी और अन्य मुद्दों को लेकर चोरी हुई। इसी मीटिंग में राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं के सामने कमोबेश वैसी ही एक प्रजेंटेशन दी, जैसी उन्होंने दिन में मीडिया के सामने दी थी और वोट चोरी के आरोप लगाए। इसमें भी राहुल गांधी ने बताया कि किस तरह से नए वोटर जोड़ने, वोटर डिलीट करने और एक ही नाम से कई वोट बनवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राहुल गांधी के अलावा कई अन्य नेताओं को भी इस मीटिंग में अपनी बात रखने का मौका दिया गया।
A distinguished gathering of leaders united in their commitment to upholding the Constitution and safeguarding our democracy.
— Congress (@INCIndia) August 7, 2025
An evening of camaraderie and mutual respect, reaffirming our collective resolve, as Leader of the Opposition, Shri @RahulGandhi, hosted INDIA alliance… pic.twitter.com/yunIvOeLp4
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने SIR पर अपनी बात रखी और कहा कि उनका गठबंधन बिहार में इस मुद्दे को अब सड़क पर उतरकर उठाएगा। संभावना है कि विपक्ष एकजुट होकर अगले ही हफ्ते बिहार में एक बड़ा प्रदर्शन करे। वहीं, अन्य विपक्षी नेताओं में से फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया। चर्चा है कि 11 अगस्त को विपक्षी नेता दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर तक संयुक्त पैदल मार्च निकालेंगे।
क्या हैं राहुल गांधी के आरोप?
राहुल गांधी ने कई उदाहरण करते हुए यह दिखाया है कि वोटर लिस्ट में कितनी खामियां हैं। उन्होंने एक ही वोटर का नाम कई जगह होने, कई मतदाताओं का पता एक ही होने, कई मतदाताओं का पता फर्जी होने और एक ही वोटर का नाम कई राज्यों की कई सीटों पर होने का भी दावा किया है। राहुल का कहना है कि यह सब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इशारे पर किया गया है और उसे इसी के जरिए चुनाव जिताया गया है।
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इतना ही नहीं राहुल गांधी ने बेंगलुरु सेंट्रल और वाराणसी लोकसभा सीट पर फर्जीवाड़ा किए जाने का दावा किया है। राहुल गांधी का कहना है कि 25 लोकसभा सीटों पर कम अंतर से जीत के कारण ही नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
राहुल गांधी की दोपहर वाली प्रजेंटेशन के बाद ही पहले कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और फिर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उनके दावों को खारिज किया। दोनों राज्यों के CEO ने कहा कि राहुल गांधी के दावे तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। इससे पहले, राहुल गांधी ने दो व्यक्तियों- आदित्य श्रीवास्तव और विशाल सिंह का हवाला देते हुए कहा था कि ये दोनों अलग-अलग वाराणसी लोकसभा में मतदाताओं के रूप में पंजीकृत हैं। उन्होंने दावा किया था कि दोनों के नाम उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी के साथ-साथ मुंबई और बेंगलुरु के निर्वाचन क्षेत्रों समेत कई स्थानों की मतदाता सूची में शामिल हैं।
❌The statements made are Misleading #ECIFactCheck
— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 7, 2025
✅Read the details in the image attached 👇 https://t.co/746fmzkCvl pic.twitter.com/gvhEXXto8I
उत्तर प्रदेश के सीईओ कार्यालय ने ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से प्राप्त 16 मार्च, 2025 के आंकड़ों का जिक्र किया है। हालांकि, सीईओ ने स्पष्ट किया कि 7 अगस्त को किए गए एक नए सत्यापन से पता चला है कि दोनों व्यक्ति फिलहाल केवल बेंगलुरु (शहरी) के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत हैं। सीईओ ने बयान में कहा, ‘ये नाम उत्तर प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र संख्या 173 (लखनऊ पूर्व) और 390 (वाराणसी कैंट) की मतदाता सूची में नहीं पाए गए।' सीईओ ने कहा, 'इसलिए, उत्तर प्रदेश से संबंधित प्रस्तुत तथ्य गलत पाए गए हैं।'
राहुल पर भड़की बीजेपी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के आरोपों पर कहा है, 'पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ ने एक आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि संसद भारत के निर्वाचन आयोग के कामकाज पर चर्चा नहीं कर सकती। दूसरी बात, यह एक विचाराधीन मामला है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पहले भी किया जा चुका है।'
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उन्होंने कांग्रेस पर बिहार में हुई इस कवायद को लेकर 'अनावश्यक धारणा' बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग और बिहार में मतदाता सूची में संशोधन को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरोप अतार्किक हैं और यह वोटों के लिए समाज के एक खास वर्ग को खुश करने का कांग्रेस का प्रयास है।
इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच INDIA गठबंधन के लिए एक अच्छी खबर यह रही कि ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेता एक बार फिर एकजुट हुए। हालांकि, इस मीटिंग में शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के मुखिया उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए। AAP ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि अब वह इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है और बिहार में भी वह अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
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