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कब और कहां खरीदा था राजा रघुवंशी के हत्यारों ने हथियार? पुलिस ने बताया

राजा रघुवंशी हत्याकांड में विशाल चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। विशाल पर ही आरोप हैं कि इसने हथियार चलाकर राजा रघुवंशी को पहले मारा था।

Sonam and Raja Raghuvanshi

सोनम और राजा रघुवंशी। (Photo Credit: Social Media)

राजा रघुवंशी की हत्या में जिस हथियार का इस्तेमाल किया गया था, उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है। इसे मेघालय की स्थानीय भााषा में दाओ कहते हैं। यह बड़े चाकू की तरह दिखने वाला एक खतरनाक हथियार है। इसे गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के बाद से खरीदा गया था। पुलिस ने कहा है कि दाओ से राज पर एक के बाद कई हमले किए गए, वह खुद को बचाने की कोशिश करता रहा। वह खुद को बचा नहीं पाया। 

11 मई को इंदौर में राजा और सोनम की शादी हुई थी। दोनों हनीमून के लिए मेघालय गए थे। 2 जून को राजा की लाश ईस्ट खासी हिल्स जिले के वेइसॉडॉन्ग फॉल्स के पास एक गहरी खाई में मिली, जबकि सोनम लापता थी।

9 जून को सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मिली। वह हत्या के बाद घटनास्थल से फरार हो गई थी। मेघालय पुलिस ने सोनम और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था। आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान और राज सिंह कुशवाह को गिरफ्तार किया।

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जांच में क्या सामने आया? 

राजा की हत्या सोची-समझी साजिश थी। हत्या का मास्टमाइंड पुलिस ने राज कुशवाह को बताया है। वह सोनम के साथ रिलेशनशिप में था। सोनम भी इस साजिश में शामिल थी। तीनों आरोपी दोस्त थे। आकाश की शर्ट पर राजा के खून के धब्बे भी मिले हैं। राजा ने हमले में खुद को बचाने की कोशिश भी की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक राजा के सिर के सामने और पीछे दो बार हमला किया गया।

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हत्या तक कैसे आ गई बात? 

शादी के बाद राजा और सोनम असम के कामाख्या मंदिर गए थे। उसी दौरान आरोपी भी वहां पहुंच गए। पहले गुवाहाटी में मारने का प्लान था लेकिन बाद में इसे शिलांग में अंजाम दिया गया। जिस दिन राजा की हत्या हुई, उस दिन वह अपनी पत्नी के साथ चेरापूंजी की ट्रेकिंग के लिए निकला था। सोनम को राजा का साथ नहीं पसंद था। सूनसान जगह देखकर हत्या की गई। ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक सियेम ने दावा किया है कि यह हत्या सोची-समझी साजिश थी। पुलिस के की छानबीन में जुटी है। 

क्यों जरूरी थी हथियार की बरामदगी?

भारतीय कानून में हत्या के मामले में हथियार की बरामदगी महत्वपूर्ण साक्ष्य है। पहले इससे जुड़े प्रावधान IPC धारा 302, आर्म्स एक्ट, और साक्ष्य अधिनियम धारा 27 के तहत आते थे। इसके जरिए बरामदगी पंचनामा, फॉरेंसिक जांच, और आरोपी के बयान लिए जाते हैं, जिसकी मदद से अपराध साबित होता है। अब यह प्रक्रिया भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत पूरी की जाती है।

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