logo

ट्रेंडिंग:

'संस्कृत बोलकर दिखा दें प्रेमानंद', रामभद्राचार्य ने दिया चैलेंज

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद पर एक विवादित बयान दिया है। प्रेमानंद और रामभद्राचार्य कई बार विवादों में रहे हैं। जानिए इनसे जुड़े विवादों की कहानी।

Rambhadracharya

प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य, Photo Credit: Social Media

तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने वृंदावन के संत प्रेमानंद को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है। अपने बयानों के कारण विवादों में रहने वाले रामभद्राचार्य ने इस बार प्रेमानंद पर निशाना साधा है। एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने प्रेमानंद पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'मैं उन्हें कोई चमत्कार नहीं मानता, संस्कृत में एक अक्षर बोलकर दिखा दें।' कुछ दिन पहले ही प्रेमानंद की महिलाओं पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। रामभद्राचार्य पर हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं और अकसर विवादों में बने रहते हैं। प्रेमानंद महाराज पर की गई यह टिप्पणी अब एक नया विवाद खड़ा कर रही है। 


बता दें कि वृंदावन में प्रेमानंद का सत्संग उनसे मिलने वाले आने वाले सेलेब्रिटी को लेकर सुर्खियों में रहता है। अब इन्हीं प्रेमानंद पर रामभद्राचार्य ने कहा, 'प्रेमानंद को मैं चमत्कार नहीं मानता। वह एक अक्षर मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखा दें या फिर मेरे संस्कृत के श्लोकों का अर्थ समझा दें। वह तो मेरे बालक के समान हैं। शास्त्र जिसको आए, वही चमत्कार है। किडनी का डायलिसिस तो होता रहता है। जो वह करना चाहते हैं, उन्हें करने दीजिए।'

 

यह भी पढ़ें-- रील्स में बार-बार दिखते हैं प्रेमानंद-अनिरुद्धाचार्य? समझिए पूरा खेल

'सेलेब्रिटी इमेज चमकाने के लिए उनसे मिलते हैं'

प्रेमानंद महाराज के सत्संग में उनसे मिलने कई बड़े सेलिब्रिटी भी आते रहते हैं। विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, शिल्पा शेट्टी राज कुंद्रा समेत कई हस्तियां उनसे मिलने जा चुकी हैं। राज कुंद्रा ने तो उनको किडनी तक देने की पेशकश कर दी थी। जब रामभद्राचार्या से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ' सारे सेलेब्रिटी अपनी इमेज चमकाने के लिए उनके पास आते हैं।' बता दें कि कुछ दिन पहले ऐसा ही बयान भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव ने भी दिया था। राज कुंद्रा की कीडनी देने की पेशकश पर खेसारी ने कहा,  'सस्ती पब्लिसिटी स्टंट के लिए ये सब किया जा रहा है।'

प्रेमानंद महाराज से जुड़े विवाद

प्रेमानंद महाराज वैसे तो विवादों से दूर रहते हैं और उनके सत्संग के लिए लोग उन्हें पसंद करते हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से महिलाओं पर दिए एक बयान के कारण वह विवादों में हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और उन्हें महिला विरोधी बता रहे हैं। इससे पहले रात के दो बजे होने वाली उनकी पदयात्रा को लेकर भी विवाद हुआ था। 

महिलाओं पर टिप्पणी विवाद 

प्रेमानंद महाराज से मिलने एक लड़की आई थी उन्होंने प्रेमानंद महाराज से विवाह से पहले रिश्तों के बारे में सवाल किया था। इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'आजकल 100 में से 2-4 लड़कियां ही पवित्र बची हैं, बाकी सब बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में पड़ी हैं।'

 

यह भी पढ़ें-- '100 में 2-4 लड़कियां ही पवित्र', प्रेमानंद महाराज के बयान पर हंगामा

 

उन्होंने यह भी कहा कि आजकल के रिश्ते टिक-टॉक की तरह अस्थायी हो गए हैंऔर लोग स्थायी वैवाहिक रिश्तों की बजाय कुछ पलों के सुख की तलाश में हैं। यह बयान उनके वृंदावन में आयोजित एक प्रवचन  के दौरान दिया गया, जिसे उनकी ही टीम ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इस पूरे सत्संग से 10-15 सेकंड का यह हिस्सा वायरल कर दिया गया। इस वीडियो पर लोग उन्हें महिला विरोधी कहने लगे। सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हुई।

 

हालांकि, उनके समर्थकों ने उनका बचाव करते हुए कहा कि प्रेमानंद महाराज ने यह सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं कहा था बल्कि पुरुषों के लिए भी यही बात कही थी। उनकी इस टिप्पणी पर लोग कह रहे थे कि संतों की सोच अभी भी महिला विरोधी है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, 'यह बयान आधी आबादी का अपमान है। क्या इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, या अन्य महान महिलाएं अपवित्र थीं?' उन्होंने संतों से ऐसी टिप्पणियों से बचने की सलाह दी।

पद यात्रा विवाद

प्रेमानंद महाराज कई बार बता चुके हैं कि वह आदी रात को ही जाग जाते हैं। उनकी पदयात्रा रात 2 बजे ही शुरू हो जाती थी। इस पदयात्रा में हजारों भक्त उनके दर्शन करने आते थे। यह यात्रा अकसर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रहती थी। इस यात्रा में भक्त तेज आवाज में भजन-कीर्तन करते थे और पटाखे भी फोड़ते थे। इस यात्रा से आस-पास रहने वाले लोगों को बहुत दिक्कत होती थी।

 

यह भी पढ़ें--  प्रेमानंद महाराज की AI फोटो पर बवाल, शिष्य ने दर्ज कराई FIR

 

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से पदयात्रा का समय बदलने और शोर पर नियंत्रण की मांग की। इस मांग से विवाद शुरू हो गया। प्रेमानंद महाराज के भक्तों ने इसका विरोध किया और स्थानीय दुकानदारों ने सोसाइटी के निवासियों को सामान न देने की घोषणा कर दी। दुकानदारों ने उनके खिलाफ पोस्टर भी लगाए। स्थिति को शांत करने के लिए प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा का समय सुबह 4 बजे कर दिया और शोर कम करने का आश्वासन दिया। प्रेमानंद महाराज के आश्वासन के बाद सोसाइटी के अध्यक्ष ने माफी मांगकर इस विवाद को खत्म कर दिया था।

रामभद्राचार्य से जुड़े विवाद

रामभद्राचार्य अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। कई मौकों पर वह कुछ ऐसा बोल जाते हैं जो विवाद का कारण बन जाता है। प्रेमानंद महाराज पर दिए बयान से पहले भी वह कई बयानों के कारण विवादों में रहे हैं। 

 

यह भी पढ़ें: एक ऐसा मंदिर जहां बिना सूंड वाले गणेश जी की होती है पूजा

अभिनव अरोड़ा पर टिप्पणी

अभिनव अरोड़ा सोशल मीडिया पर चर्चा में रहते हैं। वह भी सत्संग करते हैं और लोग उन्हें बाल संत के नाम से बुलाते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी रील्स वायरल होती हैं। अभिनव ने एक बार कहा था कि वह भगवान कृष्ण के साथ पढ़े हैं। उनके इस बयान पर रामभद्राचार्य  ने उन्हें मूर्ख कह दिया था।

 

अक्टूबर 2024 में सुल्तानपुर में आयोजित हनुमान महोत्सव के दौरान उन्होंने कहा, 'वह मूर्ख है। वह कहता है कि कृष्ण उसके साथ पढ़ते थे। उसे शिष्टता से बात करना भी नहीं आता। भगवान क्या उसके साथ पढ़ेंगे? मैंने वृंदावन में भी उसे बहुत डांटा था।' इससे पहले उन्होंने अभिनव को मंच से यह कहकर नीचे उतार दिया था कि मेरी मर्यादा है।

अंबेडकर और मनुस्मृति विवाद

चित्रकूट में भारतीय न्याय संहिता 2023 पर एक समारोह में रामभद्राचार्य ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर को संस्कृत का ज्ञान नहीं था, इसलिए उन्होंने मनुस्मृति को जलाने का प्रयास किया।रामभद्राचार्य ने मनुस्मृति को राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने मायावती पर टिप्पणी करते हुए कहा  कि उन्हें एक अक्षर का भी ज्ञान नहीं था। इस बयान से दलित समाज काफी नाराज हो गया था।

 

फैक्ट-चेक में सामने आया कि अंबेडकर को 9 भाषाएं आती थीं, जिसमें संस्कृत भी शामिल थी। सोशल मीडिया पर इसे गलत और भ्रामक बयान बताया गया।

 

यह भी पढ़ें: परशुराम का गुस्सा और एकदंत पड़ा नाम, भगवान गणेश की कथा क्या है?

अन्य विवाद

रामभद्राचार्य ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का समर्थन करते हुए कहा कि वे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और फैसला उनके पक्ष में होगा। उन्होंने बांके बिहारी मंदिर के सरकारी अधिग्रहण के खिलाफ भी बयान दिया था। उन्होंने पूछा था ,  कि जब मस्जिदों और चर्चों का अधिग्रहण नहीं होता, तो मंदिरों को क्यों निशाना बनाया जाता है। एक बार उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर ऐतिहासिक आक्रमणों का आरोप लगाते हुए कहा था कि हम बदला लेंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने कभी आक्रमण नहीं किया, जबकि मुस्लिम आक्रांताओं ने भारत में लूटपाट की।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap